अब भक्तों को मिलेगा बाबा के दरबार का ‘तंदुल महाप्रसाद’

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से नया 'तंदुल महाप्रसाद' भक्तों को उपलब्ध..

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विजयादशमी के अवसर पर श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन की ओर से नया ‘तंदुल महाप्रसाद’ भक्तों को उपलब्ध कराया गया. इस विशिष्ट प्रसाद को बाबा काशी विश्वनाथ को भोग आरती में अर्पित करते हुए श्रद्धालुओं को दिया गया.

श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा सभी गुणवत्ता मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करते हुए सनातन, शास्त्रीय एवं परंपरागत मान्यताओं का समावेश कर यह विशिष्ट प्रसाद तैयार कराया गया है.

स्पेशल प्रसाद के काउंटर की हुई शुरुआत

इसी क्रम में श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर में पुराने प्रसाद की जगह स्पेशल प्रसाद के एक काउंटर की शुरुआत भी कर दी गई है. यहां पर बिक्री होने वाले दो सौ ग्राम के डिब्बे में आठ लड्डुओं की कीमत 150 रुपये रखी गई है. इस प्रसाद की विशेषता यह है कि बाबा विश्वनाथ को चढ़ाने वाले बेलपत्र और अक्षत सहित अन्य खाद्य सामग्रियों को मिलाकर इसे बनास डेयरी में शुद्धता के साथ तैयार किया जा रहा है.

भक्तों के अनुरोध का रखा गया मान

श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास द्वारा बीते बैठकों में निर्णय लिया गया था कि मंदिर का स्वयं का निर्मित प्रसाद होना चाहिए जो उन सामग्रियों से बना होना चाहिए जो भगवान शिव को शास्त्रों में उल्लीखित वर्णन के अनुसार हैं. इसका अनुरोध देशभर के श्रद्धालुओं के द्वारा भी लम्बे समय से किया जा रहा था.

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प्रसाद निर्माण को लेकर ग्रंथों और पुराणों का अध्ययन

इस प्रसाद के निर्माण के लिए ग्रंथों और पुराणों का अध्ययन किया गया है जिनमें शिव महापुराण, शिवर्चना चंद्रिका, वीर मित्रोदयः, लिंग पुराण, स्कन्द पुराण आदि सम्मिलित हैं. इन सबके सार के रूप में तंडुल, अक्षत या चावल का प्रसाद शिव जी को अर्पित करना सर्वोत्तम बताया गया है. इसके आधार पर जो प्रसाद तैयार किया गया है उसे ‘तंदुल महाप्रसाद’ का नाम दिया गया है.

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आध्यात्मिक ऊर्जा से समृद्ध है प्रसाद

प्रसाद का विशेष घटक तंदुल या चावल शिव को अत्यंत प्रिय है और उनको अर्पित किया जाता है. साथ ही इसमें देशी घी का प्रयोग किया जाएगा. इसमें विशेष रूप से उन बेल पत्रों का उपयोग किया जाएगा जो भगवान विश्वेश्वर को अर्पित किए गए होंगे और मंदिर की आध्यात्मिक ऊर्जा से समृद्ध होंगे.

एक मशीन लाइन ‘तंदुल महाप्रसाद’ के लिए रिजर्व

श्री काशी विश्वनाथ ट्रस्ट द्वारा प्रसाद निर्माण की पूरी प्रक्रिया के लिए बनास डेयरी (अमूल) से समझौता किया गया है. इसमें मंदिर ट्रस्ट द्वारा उपलब्ध करवाई गई रेसिपी का प्रसाद बनास डेयरी द्वारा अपनी पिंडरा स्थित फैक्ट्री में निर्मित किया जाएगा. बनास डेयरी में एक मशीन लाइन ‘तंदुल महाप्रसाद’ के लिए रिजर्व कर दी गई है. इसमें एफएसएसएआई के मानकों का पूरा ध्यान भी रखा जाएगा.

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प्रसाद निर्माण की पूरी प्रक्रिया फूड सेफ्टी के अनुसार

प्रसाद निर्माण में प्रयुक्त होने वाला देशी घी उत्तर प्रदेश के दुग्ध उत्पादकों द्वारा दिए गए दूध से ही निर्मित होगा. प्रसाद निर्माण की पूरी प्रक्रिया फूड सेफ्टी के उच्चतम मानदंडों के अनुपालन के साथ-साथ शास्त्रीय परिवेश में संपन्न की जाएगी.

प्रसाद निर्माण की होगी 24 घंटे मॉनिटरिंग

प्रसाद निर्माण में न्यास द्वारा फैक्ट्री की प्रतिदिन 24 घंटे सीसीटीवी सर्विलांस की फीड ली जाएगी. साथ ही कार्मिकों के सनातनी परंपरा की पृष्ठभूमि, सनातन धर्म में श्रद्धा, शिवजी के दर्शन के बाद ही प्रसाद निर्माण की प्रक्रिया में प्रतिभाग आदि का ट्रस्ट व बनास डेयरी के समझौते के नियमों में बदलाव किया गया है. इस प्रक्रिया के पालन के लिए उच्चतम हाइजीन के मानकों की मॉनिटरिंग की जाएगी.

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विशेष काउंटरों से ही प्रसाद की बिक्री

इस विशेष प्रसाद का विक्रय सिर्फ श्री काशी विश्वनाथ मंदिर परिसर में स्थित अमूल के विशेष काउंटरों के माध्यम से ही होगा. कुछ महीनों के बाद इसे वाराणसी के अन्य अमूल आउटलेट पर भी विक्रय के लिए उपलब्ध कराया जाएगा. प्रसाद की निर्माण सामग्री, पोषण, कैलोरी तथा शेल्फ लाइफ आदि जानकारी डिब्बे के बाहरी भाग पर दी जाएगी.

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