विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट पुष्कर उपाध्याय ने पेपर लीक और भर्ती घोटाले के सरगना सुभासपा विधायक बेदीराम और निषाद पार्टी के विधायक विपुल दुबे के विरुद्ध गैर जमानती वारंट जारी करने का आदेश दिया है. इसके अलावा बेदीराम समेत इस मामले में 18 अन्य सहअभियुक्तों पर भी कार्रवाई की गई है.
आपको बता दें कि, बेदीराम जखनिया गाजीपुर से विधायक हैं जबकि विपुल दुबे भदोही ज्ञानपुर से विधायक हैं. न्यायालय ने इंस्पेक्टर कृष्णानगर को 26 जुलाई को सभी आरोपितों की उपस्थिति सुनिश्चित करने का आदेश दिया है.
विधायक बेदीराम रंगे हाथ हुए थे गिरफ्तार
अभियोजन पक्ष के अनुसार, 25 फरवरी 2006 के अगले दिन होने वाली रेलवे ग्रुप-डी की परीक्षा का प्रश्नपत्र लीक हुआ था. एसटीएफ की एक टीम ने आलमबाग में एक घर पर छापा मारकर बेदीराम और उसके साथियों को रंगे हाथों गिरफ्तार कर किया था. वहीं बेदीराम के चचेरे भाई दीनदयाल उर्फ दीना सहित एक और आरोपित मौके से भाग निकला था.
गैंगस्टर का मामला हुआ था दर्ज
एसटीएफ को कई वाहनों सहित भर्ती प्रक्रिया में शामिल अभ्यर्थियों के मूल प्रमाणपत्र भी मिले थे. एसटीएफ ने थाना कृष्णानगर में सभी अभियुक्तों के खिलाफ गैंगस्टर एक्ट का मुकदमा दर्ज किया था. गैंगस्टर एक्ट के विशेष अधिवक्ता लक्ष्मण प्रसाद दीक्षित ने बताया कि कुल 19 आरोपियों के खिलाफ कृष्णानगर थाने की पुलिस ने आरोप पत्र दाखिल किया था.
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कोर्ट द्वारा जारी हुआ गैर जमानती वारंट
आरोपित विधायक बेदीराम, दीनदयाल, शिव बहादुर सिंह, संजय श्रीवास्तव और अवधेश सिंह के हाजिरी माफी के प्रार्थना पत्र को न्यायालय ने खारिज कर दिया और गैर जमानती वारंट जारी किया. इसके अलावा पहले से गैरहाजिर सभी अभियुक्तों के विरुद्ध गैर जमानती वारंट भी जारी किए गए.