RSS नेता को उठा ले गए पुलिसवाले…और फिर बोले ‘SORRY’

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भारत बंद (2 अप्रैल, 2018) के दौरान हुई बर्बरता के मामले में नोएड पुलिस ने प्रदर्शनकारी समझकर आरएसएस नेता राकेश सिन्हा को एक न्यूज चैनल के स्टूडियो के बाहर से उठा लिया। सिन्हा ने ट्विटर के जरिए यह जानकारी दी है। इसमें उन्होंने लिखा है, ‘नोएडा पुलिस (सीएनएन18 स्टूडियो के गेट से) एसएचओ अनिल कुमार के शाही नेतृत्व में जबरन पुलिस की गाड़ी में बैठाकर ले गई।

एसएचओ ने इस बर्ताव के लिए माफी मांगी है

उनका व्यवहार अशोभनीय था। धमकी भरा था। भीड़ जुटने पर 500 मीटर दूर जाकर छोड़ा। बाद में सफाई दी कि मुझे दलित एक्टविस्ट समझ बैठे। इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार बाद में पुलिस ने आरएसएस नेता की बात सुनी और वापस स्टूडियो छोड़ा गया। इलाके के एसएचओ ने इस बर्ताव के लिए माफी मांगी है।

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गौरतलब है कि दलितों संगठनों ने एससी/एसटी (अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति) कानून को कमजोर करने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ 2 अप्रैल को बंद बुलाया था।कोर्ट के फैसले के खिलाफ यूपी के गौतम बुद्ध नगर जिले के कुछ हिस्सों में प्रदर्शनकारियों ने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन किया।

जिन्हें गलती से प्रदर्शनकारी समझ कर उठा लिया

इस दौरान राज्य की बसों पर पत्थरबाजी की गई। ऐसे ही लोगों की धड़पकड़ के यूपी पुलिस ने एक टीम का गठन किया था। जिसमें गलती से राकेश सिन्हा को पुलिस ने उठा लिया।नोएडा सेक्टर-20 पुलिस स्टेशन के एसएचओ अनिल कुमार ने बताया, ‘पुलिस प्रदर्शनकारियों को खोज रही तब फिल्म सिटी में राकेश सिन्हा को देखा, जिन्हें गलती से प्रदर्शनकारी समझ कर उठा लिया। जैसे ही गलती का एहसास हुआ उन्हें छोड़ दिया गया।’

जनसत्ता

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