राजस्थान के 436 गांवों में कायम है ‘रामराज’
देश के कई राज्यों में बढ़ता अपराध जहां एक तरफ सरकारों के लिए बड़ी चुनौती बन गया है, वहीं राजस्थान में 436 गांव ऐसे भी है, जहां कलयुग में ‘रामराज’ स्थापित है। इन गांवों में पिछले तीन सालों से कोई अपराध नहीं हुआ है। जैसलमेर जिले के कुल 840 गांवों में से 436 गांव क्राइम फ्री हैं। यहां करीब तीन लाख की आबादी निवास करती है। इस जिले के लोगों ने दुनिया के सामने एक मिसाल कायम की है।
स्पेशल पैकेज देगी सरकार
जिले के क्राइम फ्री गांवों को राज्य सरकार स्पेशल पैकेज देने की तैयारी कर रही है। पिछले दिनों जिलाधिकारी-एसपी कॉंफ्रेंस में यह बात उठी थी और सरकार ने इन गांवों को सम्मानित करने का फैसला लिया था। क्राइम फ्री गांवों में जैसलमेर पूरे प्रदेश में नंबर वन पर है। कुल गांवों की संख्या के अनुसार यदि प्रतिशत निकाला जाए तो इस जिले के आस-पास शायद ही कोई जिला आ सकेगा।
आपस में सुलझातें हैं विवाद
ग्रामीणों का कहना है कि हमारे गांवों में भी लोगों के बीच मनमुटाव होते हैं, लेकिन हम मामले को लेकर थाने पर न जाकर गांव के बड़े-बुर्जुगों के पास मुद्दा रखते हैं। बड़े-बुजुर्ग जो फैसला करते हैं, दोनों पक्ष खुशी-खुशी उसे स्वीकार कर लेते हैं। इन गांवों में आज भी लोग परंपरागत रूप से रहते हैं। एक ही समाज के होने के चलते किसी भी तरह का विवाद होने पर ग्रामीण आपस में मिल बैठकर मामले को निस्तारित कर लेते हैं।
आदर्श गांव की मिसाल
वास्तव में जैसलमेर का 436 गांव एक आदर्श गांव है। एसपी राजीव पाचाल का कहना है कि हम प्रयास कर रहे हैं कि इन गांवों से अन्य गांवों को भी प्रेरित किया जाए, ताकि आने वाले समय में ऐसे गांवों की संख्या में बढ़ोतरी हो। यहां क्राइम फ्री होने की वजह सामाजिक स्तर पर मामलों का निस्तारण होना और टुकड़ों में बंटी हुई आबादी है। इन गांव के लोगों ने एक अनूठी मिसाल कायम की है।
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