Nirbhaya Justice : निर्भया के दर्द से लेकर दरिंदों का अंत, जानें अब तक का सब कुछ

निर्भया मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार सुबह साढ़े पांच बजे तिहाड़ जेल में फांसी दे दी गई

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Nirbhaya Justice

  • 19 दिसंबर 2019 : दिल्ली उच्च न्यायालय ने पवन कुमार गुप्ता की अर्जी खारिज की जिसमें उसने अपराध के समय किशोर होने का दावा किया था।
  • छह जनवरी 2020 : दिल्ली की एक अदालत ने दोषी पवन के पिता की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें घटना के एकमात्र चश्मदीद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने की मांग की गयी थी।
  • सात जनवरी 2020 : दिल्ली की अदालत ने चारों दोषियों को 22 जनवरी को सुबह सात बजे तिहाड़ जेल में फांसी दिये जाने का आदेश जारी किया।
  • 14 जनवरी 2020 : उच्चतम न्यायालय ने दो दोषियों विनय शर्मा (26) और मुकेश कुमार (32) की सुधारात्मक याचिकाओं को खारिज कर दिया।
  • दोषी मुकेश कुमार ने राष्ट्रपति के समक्ष दया याचिका दाखिल की।
  • 17 जनवरी : राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मुकेश की दया याचिका ठुकराई।
  • 25 जनवरी : दया याचिका ठुकराए जाने के खिलाफ दोषी मुकेश ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया।
  • 28 जनवरी : उच्चतम न्यायालय में जिरह हुई, फैसला सुरक्षित रखा गया। Nirbhaya Justice
  • 29 जनवरी : दोषी अक्षय कुमार ने सुधारात्मक याचिका उच्चतम न्यायालय में दाखिल की।
  • उच्चतम न्यायालय ने दोषी मुकेश कुमार सिंह की दया याचिका खारिज करने के राष्ट्रपति के आदेश को चुनौती देने वाली अपील ठुकरा दी।
  • 30 जनवरी : उच्चतम न्यायालय ने दोषी अक्षय कुमार सिंह की सुधारात्मक याचिका खारिज की ।
  • 31 जनवरी : उच्चतम न्यायालय ने दोषी पवन कुमार की उस याचिका को खारिज कर दिया जिसमें उसने अदालत के उस फैसले की समीक्षा करने की अपील की थी जिसमें उसके नाबालिग होने के दावे को खारिज कर दिया गया था ।
  • दिल्ली की एक अदालत ने निर्भया मामले के दोषियों को एक फरवरी को फांसी के ब्लैक वारंट की तामील को अगले आदेश तक स्थगित कर दिया।
  • एक फरवरी : केन्द्र ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ उच्च न्यायालय का रुख किया।
  • पांच फरवरी : उच्च न्यायालय ने निचली अदालत के फैसले के खिलाफ केन्द्र की याचिका को खारिज किया। उच्च न्यायालय ने कहा कि सभी चारों दोषियों को एक साथ फांसी पर लटकाया जाना चाहिए। अदालत ने मौत की सजा पाये चारों दोषियों को निर्देश दिए कि यदि वे कोई आवेदन दाखिल करना चाहते हैं तो इसे एक सप्ताह के भीतर दाखिल करें जिसके बाद प्राधिकारी इस पर कार्रवाई कर सके।
  • केंद्र, दिल्ली सरकार ने दोषियों की फांसी पर रोक के निचली अदालत के फैसले को चुनौती देने वाली अपनी याचिका के नामंजूर होने के खिलाफ उच्चतम न्यायालय का रुख किया ।
  • छह फरवरी : तिहाड़ के अधिकारियों ने मौत की सजा पर तामील करने के लिए नया वारंट की मांग करते हुए अदालत का रुख किया, निचली अदालत ने दोषियों से उनकी प्रतिक्रिया मांगी।
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