Nirbhaya Case : दोषी पवन ने नई कानूनी सहायता लेने से किया इंकार, 3 मार्च को फांसी तय
निर्भया गैंगरेप मामले में आरोपियों को अब तीसरा डेथ वारंट जारी हो चुका है। निर्भया के तीन आरोपियों ने अपने सारे हथकंडे अपना चुके हैं। केवल पवन गुप्ता ने क्यूरेटिव पिटिशन दायर नहीं की थी।
मौत की सजा पा चुके आरोपियों में से एक पवन गुप्ता ने तिहाड़ जेल में नई कानूनी सहायता लेने से मना कर दिया है।
गौरतलब है कि बीते सप्ताह दोषी के वकील एपी सिंह ने मामले से खुद को अलग कर लिया था जिसके बाद रवि काजी को पवन का नया वकील नियुक्त किया गया था।
पवन ने नहीं दायर की याचिका-
अभी तक पवन ने क्यूरेटिव या दया याचिका दायर नहीं की है। तीन अन्य आरोपियों के साथ उसे भी 3 मार्च को सुबह 6 बजे फांसी की सजा दी जाएगी।
पवन के वकील ने मीडियाकर्मियों से कहा कि हालांकि बीते कुछ दिनों से पवन के साथ उनकी बातचीत नहीं हो पाई है, ऐसे में उनकी तरफ से कोई भी कानूनी उपाय नहीं किया गया है।
बर्बरतापूर्वक सामूहिक दुष्कर्म-
16 दिसंबर, 2012 को अपने मित्र के साथ जा रही एक पैरामेडिकल छात्रा के साथ एक निजी बस में छह लोगों ने बर्बरतापूर्वक सामूहिक दुष्कर्म करने और क्रूरतापूर्ण हमला करने बाद उसे जख्मी हालत में उसके दोस्त के साथ चलती बस से बाहर फेंक दिया गया।
पीड़ितों को सफदरगंज अस्पताल में भर्ती कराया गया। 29 दिसंबर को पीड़िता ने गंभीर चोटों और शारीरिक समस्याओं से जूझते हुए सिंगापुर में दम तोड़ दिया।
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