‘शौचालय नहीं तो शादी नहीं’
लखनऊ की रहने वाली नेहा ने 21वीं सदी की लड़कियों के लिए मिसाल पेश की है। कानपुर के जिस लड़के से शादी तय हुई उसके घर शौचालय न होने की बात पता चली तो नेहा ने युवक हिमांशु से शादी से इनकार कर दिया। मामला थाने तक पहुंच गया। मगर बहादुर नेहा ने एक बार जो कदम बढ़ाया तो पीछे हटाने से इनकार कर दिया।
नेहा के फैसले से प्रभावित होकर गुजैनी अंबेडकर नगर के रहने वाले सर्वेश श्रीवास्तव ने शादी की इच्छा जताई, जिसे नेहा ने स्वीकार कर लिया। रविवार को एक सामूहिक शादी समारोह में दोनों की शादी हुई।
कार्ड भी छप गए
शादी के लिए नेहा के परिवार ने कार्ड भी छपवा लिए। कार्ड का वितरण नाते रिश्तेदारों को होना ही था कि नेहा ने शादी करने से मना कर दिया। नेहा ने बताया कि जब तीन महीने बीत जाने के बाद भी हिमांशू के परिवार ने घर में शौचालय नहीं बनवाया तो अब उसका हिमांशू पर से भरोसा ही उठ गया है। नेहा के इस तर्क के बाद नेहा के परिवार ने भी नेहा का साथ दिया। नेहा के इस फैसले से उसके नाते रिश्तेदार भी नेहा की पीठ थपथपाने उसके घर पहुंचे।
लड़की के फैसले से हुआ प्रभावित
सर्वेश श्रीवास्तव ने बताया कि नेहा ने पिछले रविवार को घर में शौचालय नहीं होने से गुजैनी में रहने वाले हिमांशु से शादी करने से इनकार कर दिया था।
उसे इस बात की जानकारी हुई। वह इससे इतना प्रभावित हुआ कि उसने नेहा के सामने शादी का प्रस्ताव रखा, जिसे नेहा ने स्वीकार कर लिया।
बिना बाप की बेटी है नेहा
नेहा के पिता नहीं हैं। उसके पिता रामप्रसाद श्रीवास्तव का निधन काफी पहले हो गया था। उसकी मां मिथलेश श्रीवास्तव ने काफी परेशानियों और मेहनत से पाला। मगर उसकी मां ने बेटियों को हमेशा सही का साथ देने की सीख दी, जिससे नेहा ने साहस दिखाया।
झूठे वायदे से हुई खफा
विवाह के दौरान ही नेहा को पता चला कि हिमांशू का परिवार किराए के मकान में रहता है और उसके घर पर शौचालय नहीं है। शौचालय न होने पर नेहा ने अपने परिवार में आपत्ति दर्ज कराई। वर पक्ष ने इसे छोटी सी बात मानकर जल्द ही घर में शौचालय बनाने का वादा कर दिया।
इस बीच नेहा की हिमांशू के साथ 24 जनवरी को वरीक्षा भी हो गई। वरीक्षा के दौरान भी नेहा ने अपने परिवार और हिमांशू से घर में शौचालय होने की बात कही। जिस पर हिमांशू के परिवार की ओर से होली तक घर में शौचालय बनाने का झूठा वादा कर दिया।
जिद पर अड़ी रही नेहा
मामला 13 अप्रैल को बर्रा थाने पहुंचते ही समाज के अन्य लोगों को भी नेहा के इस बहादुरी भरे फैसले की जानकारी हुई। नेहा ने शादी से पहले युवक से कई बार शौचालय के बारे में पूछा था, लेकिन वह हर बार यह बात टाल देता था। रविवार को विवाह की तारीख थी मगर शौचालय बना नहीं था, इसलिए नेहा ने ऐन मौके पर इस शादी करने से इनकार कर दिया। नेहा की जिद में उसके परिवार वालों ने भी उसका साथ दिया। युवती के इस इनकार से सामाजिक संस्था के पदाधिकारी भी दंग रह गए।