NPR सबसे पहले रजिस्टर होगा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का नाम

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राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर को अपडेट करने की कवायद 1 अप्रैल 2019 को शुरू कर दी जाएगी। नई दिल्ली नगर निगम क्षेत्र में पहले देशवासी के रूप में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद का नामांकन होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू का नाम भी उस दिन सूची में शामिल होने की संभावना है। टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के अनुसार NPR नामांकन के लिए सुविधाजनक समय की मांग करने वाले पत्र 1 अप्रैल को भारत के रजिस्ट्रार जनरल (ORGI) के कार्यालय द्वारा भेजे जा रहे हैं।

पहले दिन शीर्ष तीन पदाधिकारियों को कवर करने की उम्मीद

उनकी उपलब्धता के आधार पर, ओआरजीआई देश में एनपीआर नामांकन के पहले दिन सरकार के शीर्ष तीन पदाधिकारियों को कवर करने की उम्मीद कर रहा है। राष्ट्रपति की गणना गृह मंत्री, आरजीआई और जनगणना आयुक्त और जनगणना संचालन निदेशक, दिल्ली की उपस्थिति में होने की संभावना है। वही टीम पीएम और वी-पी की गणना को देख सकती है। राष्ट्रपति, उपराष्ट्रपति और प्रधानमंत्री का नामांकन उचित प्रचार के साथ किया ताकि आम जनता में इसको लेकर बेहतर संदेश पहुंच सके। इस दौरान लोगों को संदेश देने के लिए जनगणना और एनपीआर के महत्व को रेखांकित भी किया जा सकता।

क्या है नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर एनपीआर- राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर या राष्ट्रीय आबादी रजिस्टर एक ऐसा सरकारी दस्तावेज है जिसमें दर्ज निवासियों की लिस्ट से ये पता चलता है कि ये आदमी एक खास एरिया में कम से कम पिछले छह महीने से रह रहा है या कम से कम अगले छह महीने और रहने की मंशा रखता है। इसमें भारत के निवासियों की गांव से तहसील, तहसील से जिला और जिला से राज्य और राज्य से देश स्तर तक की लिस्ट होती है।

क्या करना होगा, क्या दस्तावेज देना होगा

राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर में नाम दर्ज करवाने के लिए जनगणना अधिकारियों के सवालों के जवाब देने होंगे। इसमें किसी दस्तावेज की जरूरत नहीं है। लोग जो जवाब देंगे उसे ही अधिकारी दर्ज करेंगे और उसी के अधार पर रजिस्टर में सूचना दर्ज करेंगे। जनगणना अधिकारी आपका नाम, आपके माता-पिता का नाम, पत्नी, बच्चा समेत आपके परिवार के सदस्यों के नाम, जन्मदिन, राष्ट्रीयता, वर्तमान पता, स्थायी पता, रोजगार और शैक्षणिक योग्यता वगैरह पूछकर एक फॉर्म में दर्ज करेंगे लेकिन किसी भी जवाब के लिए प्रूफ में कोई दस्तावेज नहीं मांगेंगे। जनगणना में बायोमेट्रिक डेटा आधार के जरिए दिया जा सकता है और अगर आधार नंबर ना हो तो उसे आधार कार्ड लेने की प्रक्रिया के तहत हासिल किया जा सकता है। ये सारे काम 1 अप्रैल, 2020 से शुरू होगा।

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