सांसद को राम पर टिप्पणी करना पड़ा महंगा, मांगनी पड़ी माफी

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राज्यसभा में आज उस वक्त तनाव फैल गया जब समाजवादी पार्टी के सांसद नरेश अग्रवाल ने हिंदू-देवी देवताओं को लेकर एक भड़काऊं बयान दे दिया। नरेश अग्रवाल द्वारा की गई इस टिप्पणी के बाद सदन में मौजूद बीजेपी के सभी नेताओं ने एक साथ मिलकर नारेबाजी शुरू कर दी। बीजेपी के नेता एक सुर में नारे लगा रहे थे ‘ श्रीराम का अपमान नहीं सहेगा हिंदुस्तान’ साथ ही नरेश से उनके द्वारा की गई अभद्र टिप्पणी पर माफी मांगने की मांग करने लगे।

सांसद द्वारा दिए गए इस अपमानजनक बयान के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वित्त मंत्री अरुण जेटली के साथ ही अनंत कुमार ने माफी मांगने को कहा। फिलहाल नरेश अग्रवाल के शब्द बाद में सदन की कार्यवाही से हटा दिए गए। नरेश अग्रवाल ने सरकार पर निशाना साधते हुए राम जन्मभूमि का जिक्र करते हुए कहा कि कुछ लोग हिंदू धर्म के ठेकेदार हो गए हैं।

उन्होंने कहा, ‘मुझे याद है कि 1991 में राम जन्मभूमि का जब आंदोलन चल रहा था, तो उस समय जनता के बीच मुझे भी सफाई देनी पड़ती थी, हम एमएलए का चुनाव लड़ रहे थे। बीजेपी के कुछ ठेकेदार थे जो खुद को बीजेपी और वीएचपी का बताते थे। वह कहते थे जो हमारा सर्टिफेकेट लेकर नहीं आए, वह हिंदू नहीं है।

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उन्होंने कुछ लाइनों को पढ़ते हुए कहा कि इन्हें जेल की दीवारों पर रामभक्तों ने लिखा हुआ था।’ इन लाइनों को सुनकर सत्ता पक्ष के सांसद उत्तेजित हो गए। इसके बाद उपसभापति ने भी इन शब्दों पर सफाई मांगी। अग्रवाल ने कहा, ‘आप देख लीजिए कुछ असंसदीय है तो उसे हटा दीजिएगा।’ इसके बाद भी सदन में जोरदार हंगामा चलता रहा जिसके चलते कार्यवाही को 10 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया। दस मिनट बाद जब कार्यवाही फिर शुरू हुई तो बीजेपी सांसदों ने फिर हंगामा करते हुए अग्रवाल से माफी मांगने को कहा। इसके बाद अग्रवाल ने अपनी टिप्पणी पर खेद जताया, तब जाकर कार्यवाही को आगे बढ़ाया जा सका।

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