अब भी गिने जा रहे हैं 500 और 1000 के नोट

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नोटबंदी का ऐलान किए हुए आठ महीने का वक्त बीतने के बाद भी आरबीआई यह बता पाने की स्थिति में नहीं है कि उसके पास रद्द किए गए 500 और 1000 रुपये के कितने नोट आए। यह बात आरबीआई गवर्नर उर्जित पटेल ने संसद की एक समिति से बुधवार को कही। पटेल ने कहा कि गिनती ‘अब भी चल रही है’ और जानकारी ‘जल्द से जल्द’ मुहैया कराई जाएगी।

RBI गवर्नर ने संसद की समिति को दी जानकारी

कमेटी की कार्यवाही से वाकिफ सूत्रों ने बताया कि डिप्टी गवर्नर बी पी कानूनगो ने कमेटी से कहा कि आरबीआई ने नोट गिनने की और मशीनें खरीदने के लिए टेंडर जारी किया है। उन्होंने कहा कि आरबीआई के पास अभी 59 मशीनें हैं और सात किराए पर ली गई हैं।

सरकार के फैसले का RBI गवर्नर ने दिया हवाला

नोट न गिने जा सकने के कारण बताते हुए पटेल ने को-ऑपरेटिव बैंकों को रद्द की गई करेंसी आरबीआई के पास जमा कराने की इजाजत देने के सरकार के हालिया निर्णय का हवाला दिया और यह गुंजाइश भी जताई कि एक समझौते के तहत नेपाल भी रद्द किए गए नोट लौटा सकता है।

समिति के सदस्यों ने नोटों की संख्या नहीं बताए जाने पर ऐतराज जताया

फाइनेंस पर संसद की स्थायी समिति के अधिकतर सदस्यों ने लौटाए गए रद्द नोटों की संख्या की जानकारी न होने पर ऐतराज जताया और याद दिलाया कि पटेल ने फरवरी में कहा था कि कमेटी के सामने अगली हाजिरी में वह सटीक आंकड़ा देंगे।

दिग्विजय सिंह ने पूछा ‘मई 2019 तक भी’ आंकड़ा दे पाएंगे या नहीं,

कांग्रेस सांसद दिग्विजय सिंह ने पटेल से पूछा कि वह ‘मई 2019 तक भी’ आंकड़ा दे पाएंगे या नहीं, जब मौजूदा सरकार का कार्यकाल पूरा होगा। इस पर पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और आरबीआई के टॉप अधिकारियों सहित वहां मौजूद सभी लोग हंस पड़े।

15 लाख करोड़ रुपये मूल्य की करेंसी सर्कुलेशन में वापस आई है

दूसरे सवालों के जवाब में पटेल ने कहा कि 15 लाख करोड़ रुपये मूल्य की करेंसी सर्कुलेशन में वापस आ गई है, जो नवंबर में सर्कुलेशन में रही टोटल करेंसी का 86% है, जब सरकार ने नोटबंदी का ऐलान किया था।

नोटबंदी के बाद आतंकवाद के बंद होने पर कुछ नहीं बोल पाए RBI गवर्नर

सूत्रों के मुताबिक, दिग्विजय ने पटेल से पूछा कि आतंकवाद की बढ़ती घटनाओं, जम्मू कश्मीर में लगातार जारी पत्थरबाजी और नकली करेंसी की जब्ती की रिपोर्ट्स को देखते हुए नोटबंदी के बताए गए मकसद को किस तरह जायज ठहराया जा सकता है। पटेल और उनके सहयोगियों ने इसका सीधा जवाब नहीं दिया और कहा कि वे सदस्यों को लिखित जवाब देंगे।

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