जोश और जुनून ने जीता स्वर्ण पदक, अब विदेश में दिखाएंगे अपना हुनर
इंसान को कभी हिम्मत नहीं हारनी चाहिए क्योंकि अगर आप में हिम्मत और जज्बा है तो आप बड़ी से बड़ी मुश्किलों को चुटकियों में पार कर सकते हैं। इसके लिए आप की उम्र भी मायने नहीं रखती है। अगर आप के अंदर जोश और आत्मविश्वास है तो आप को आगे बढ़ने के लिए कोई नहीं रोक सकता है।
कुछ ऐसी ही सफलता की इबारत लिखने वाले का नाम है नाहर सिंह। जिन्होंने उस उम्र में स्वर्ण पदक जीत कर दिखा दिया जिस उम्र में लोग बिस्तर पर पड़ जाते हैं। या डॉक्टरों के भरोसे जिंदगी जी रहे होते हैं। नाहर सिंह ने अपने दृढ़ निश्चय और आत्मविश्वास के दम पर ये खिताब अपने नाम किया है।
क्योंकि इस उम्र में ताकत का इतना महत्व तो नहीं रह जाता है जितना हिम्मत और खुद पर भरोसा जीत दिला सकती है। नाहर सिंह की इस जीत से देश के युवाओं को भी सीख लेनी चाहिए कि जब नाहर सिंह जैसे खिलाड़ी उम्र की इस दहलीज पर आकर गोल्ड मेडल जीत सकते हैं तो युवाओं को अपने मेहनत और लगन से कुछ भी हासिल करना असंभव नहीं है।
बता दें कि नाहर सिंह ने उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में 24 से 27 मार्च तक आयोजित हुई 38वीं राष्ट्रीय मास्टर्स एथलेटिक चैंपियनशिप में गांव दौलताबाद निवासी नाहर सिंह थानेदार ने 60 प्लस आयु वर्ग की बांस कूद प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया है।
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बांस कूद प्रतियोगिता में 3.67 मीटर कूदकर हरियाणा का नाम रोशन करने वाले नाहर सिंह आगामी मई में बीजिंग में आयोजित होने वाली एशियाड चैंपियनशिप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व करेंगे। नाहर सिंह ने विभिन्न मास्टर्स एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लगभग 60 मेडल जीते हैं।