अयोध्या मामले में विवादित भूखंड पर मुस्लिम पक्ष ने दावा छोड़ने का किया खंडन
अयोध्या मामले में विवादित भूखंड पर मुस्लिम पक्ष ने दावा छोड़ने का खंडन किया। अंतिम सुनवाई से ठीक पहले के विवादित जमीन पर दावा छोड़ने की अफवाहें सामने आ रही हैं। हालांकि, सुन्नी वक्फ बोर्ड के वकील ने साफ किया कि उनकी जानकारी में ऐसी कोई बात नहीं है। अफवाहें हैं कि यूपी सुन्नी सेन्ट्रल वक्फ बोर्ड ने मध्यस्था पैनल के जरिए सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। हलफनामे में कहा गया है कि वक्फ बोर्ड अपना मामला वापस लेना चाहती है।
दूसरी ओर अयोध्या मामले के एक पक्षकार इकबाल अंसारी के वकील ने स्पष्ट कहा है कि न तो उनके मुवक्किल ने और न ही सुन्नी वक्फ बोर्ड ने दावा छोड़ने पर विचार किया है। अंसारी ने कहा है कि हम कमिटी के साथ हैं। उन्होंने कहा, ‘अगर सुन्नी वक्फ बोर्ड मध्यस्थता के लिए सामने आता है तो वह भी इससे पीछे नहीं हटेंगे।’
सोशल मीडिया पर कुछ लोगों का दावा
दरअसल, सोशल मीडिया पर कुछ लोगों ने ऐसा दावा किया कि आज सुन्नी वक्फ बोर्ड सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा देकर रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद की विवादित जमीन पर अपना दावा छोड़ देगा। दावा किया गया कि मुस्लिम पक्ष ने समाज में भाईचारा और हिंदू-मुस्लिम एकता के पक्ष में यह फैसला लिया है। हालांकि, इकबाल अंसारी के वकील एमआर शमशाद ने कहा कि विवादित जमीन पर दावा छोड़ने की बात अफवाह से ज्यादा कुछ नहीं है। उन्होंने कहा कि सुन्नी वक्फ बोर्ड ने ऐसा बयान नहीं दिया है। उन्होंने यहां तक कहा कि अयोध्या मामले में किसी प्रकार की मध्यस्थता का भी कोई सवाल नहीं है।
हर पक्ष उम्मीद लगाए बैठा है
वहीं, एक निजी न्यूज चैनल से बात करते हुए कहा कि अयोध्या मामले में हर पक्ष उम्मीद लगाए बैठा है कि फैसला उसी के पक्ष में होगा। उन्होंने कहा के कोर्ट सबूतों के आधार पर फैसला करता है, इसलिए अटकलें लगाने से कुछ नहीं होगा। सभी पक्षों को कोर्ट के फैसला का ही इंतजार करना होगा। इकबार अंसारी, अयोध्या केस के एक प्रमुख पक्षकार रहे हाशिम अंसारी के पुत्र हैं जिनका इंतकाल हो चुका है।
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