बुजुर्ग मुस्लिम की हत्या का दोषी कौन?

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देश के सबसे बड़े सूबे उत्तर प्रदेश में सत्ता बदलाव के साथ ही बहुत कुछ बदला-बदला सा नजर आने लगा है। एक तरफ धर्म के नाम पर राजनीति कर अपनी दुकान चलाने वाले कुछ नेता सक्रिय हो गए हैं तो दूसरी तरफ कुछ विशेष जाति-धर्म से जुड़े संगठन भी अपनी धाक जमाने की जुगत में लग गए हैं। इन संगठनों को आखिर इतनी छूट किसलिए मिल रही है? क्या उत्तर प्रदेश में पूर्ण बहुमत की सरकार जनता ने इसीलिए बनाई थी कि ऐसे संगठन उन पर राज करेंगे? फिलहाल सवाल बहुत सारे हैं लेकिन जवाब कोई नहीं।

आप को बता दें कि सूबे के बुलंदशहर दिले में एक मुस्लिम बुजुर्ग की हत्या का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। हत्या में जिस संगठन का हाथ होने का दावा किया जा रहा है वो संगठन इसकी जिम्मेदारी लेने से इंकार कर रहा है। साथ ही उसके एक कार्यकर्ता का कहना है कि मुस्लिम बुजुर्ग की हत्या हिंदू युवा वाहिनी  ने नहीं बल्कि वहां मौजूद भीड़ ने किया है।

आप को बता दें कि ये वही हिंदु युवा वाहिनी है जिसकी स्थापना खुद य़ुपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने की थी। आरोप के मुताबिक़ बुलंदशहर के गांव सोही में 60 साल के ग़ुलाम अहमद की कुछ लोगों ने पिटाई कर दी थी जिससे उनकी मौत हो गई। इस मामले में गिरफ़्तार हुए तीन युवाओं का संबंध हिंदू युवा वहिनी से बताया जा रहा है।

क्या है मामला?

सोही गाँव में एक हफ़्ता पहले एक मुस्लिम युवा और हिंदू लड़की के कथित तौर पर फ़रार होने के बाद से तनाव है। कहा जा रहा है कि हमला करने वालों को लगता था कि ग़ुलाम अहमद को लड़का-लड़की के फ़रार होने की पहले से जानकारी थी। लेकिन स्थानीय पुलिस अधिकारी एन सिंह के अनुसार गिरफ़्तार किए गए युवा किसी संगठन से नहीं जुड़े थे।

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वहीं हिंदू युवा वाहिनी से जुड़े लोग कह रहे हैं कि जिन लोगों को पुलिस ने पकड़ा है वो संस्था के सदस्य हैं और बिलकुल निर्दोष हैं। युवा वाहिनी के बुलंदशहर ईकाई के अध्यक्ष सुनील सिंह राघव का कहना है कि हमारा कोई कार्यकर्ता वहां नहीं था। कोई भी कुछ भी कह सकता है। घटनास्थल पर जो लोग थे उनके पास हिंदू युवा वाहिनी की नेम प्लेट तो नहीं थी।”

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