17 महीने में मुख्तार अंसारी को आठ मामलों में मिल चुकी थी सजा

जेल की सलाखों में रहकर भी मुख्तार अंसारी ने कई राजनीतिक दलों का इस्तेमाल अपने ढंग से किया.

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मुख्तार को बीते 17 माह के दौरान आठ मामलों में कोर्ट से सजा सुनाई जा चुकी थी. मुख्तार के खिलाफ लम्बित 65 मुकदमों में से 20 में अदालत में सुनवाई चल रही थी. उसके खिलाफ सजा का सिलसिला 21 सितम्बर 2022 को शुरू हुआ था.

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मुख्तार अंसारी को किन मुकदमों में मिली सजा

लखनऊ के आलमबाग थाने में 2003 में जेलर को धमकाने में पहली बार सात वर्ष के कठोर कारावास की सजा हुई.
23 सितम्बर 2022 को लखनऊ में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में पांच वर्ष की सजा.
15 दिसम्बर 2022 को गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के मामले में दस वर्ष की सजा.
29 अप्रैल 2023 को गाजीपुर में ही दर्ज गैंगस्टर एक्ट के एक अन्य मामले में दस वर्ष की सजा.
32 वर्ष बाद पांच जून 2023 को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय के बड़े भाई अवधेश राय हत्याकांड में वाराणसी की अदालत ने उम्रकैद की सजा सुनाई. हत्या का यह पहला मामला था जिसमें मुख्तार को दोषी ठहराया गया था.
27 अक्टूबर 2023 को गाजीपुर में दर्ज गैंगस्टर एक्ट के ही मामले में दस वर्ष जेल की सजा मिली.
13 मार्च को फर्जीवाड़ा कर बंदूक का लाइसेंस प्राप्त करने के मामले में उम्रकैद की सजा.
आज वाराणसी में होनी थी सुनवाई
मुख्तार अंसारी के खिलाफ तीन वर्ष पहले मुहम्मदाबाद (गाजीपुर) में दर्ज मुकदमे की सुनवाई वाराणसी के विशेष अदालत में हो रही थी. इसकी सुनवाई आज शुक्रवार को होनी थी. हाईकोर्ट के आदेश पर गाजीपुर न्यायालय में लंबित मुकदमे को यहां स्थानांतरित किया गया था. जिलाधिकारी के दो शस्त्र लाइसेंसों को निरस्त करने के बाद शस्त्र को जमा नहीं करने पर मुख्तार अंसारी के खिलाफ नौ अप्रैल 2021 को मुहम्मदाबाद थाना में मुकदमा दर्ज किया गया था.

राजनीतिक दलों का अपने ढंग से करता रहा इस्तेमाल

जेल की सलाखों में रहकर भी मुख्तार अंसारी ने कई राजनीतिक दलों का इस्तेमाल अपने ढंग से किया. बाहुबल के दम पर कमजोर उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित कराई तो खुद भी माननीय बना. मुख्तार ने अपने व कुनबे के लिए राजनीतिक जमीन तैयार करने के लिए हर दांव चले. बसपा का दामन थामकर 1996 में पहली बार विधानसभा पहुंचा तो बाद में सपा का भी इस्तेमाल अपने ढ़ंग से किया. मुख्तार दो बार निर्दलीय उम्मीदवार रहकर भी विधानसभा चुनाव जीत चुका था. सपा-बसपा से दूरी होने पर अपनी पार्टी कौमी एकता दल बनाया. मुख्तार पांच बार विधायक बना और बसपा के टिकट पर 2009 के लोकसभा चुनाव में वाराणसी सीट से भी किस्मत आजमाई. उस समय इस सीट से तब के भाजपा के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री मुरली मनोहर जोशी के खिलाफ उम्मीदवार था. हालांकि वह हार गया था. मुख्तार अंतिम बार बसपा के टिकट पर 2017 में विधानसभा पहुंचा था. अपने बाहुबल के बूते बड़े भाई अफजाल अंसारी को संसद तक पहुंचाया तो बड़े बेटे अब्बास अंसारी को भी विधायक बना दिया.


मुख्तार अंसारी की मौत और बृजेश पर मुकदमे की सीबीआई जांच की मांग

आजाद अधिकार सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमिताभ ठाकुर ने शुक्रवार को कहाकि प्राप्त जानकारी के अनुसार मुख्तार अंसारी की बांदा जेल में हुई रहस्यमय मृत्यु की वर्ष 2001 में गाजीपुर जिले के उसरी चट्टी में मुख्तार अंसारी के काफिले पर हुए हमले की घटना से सम्बंध की तमाम चर्चाएं हैं. इस घटना में मुख्तार अंसारी ने वादी के रूप में त्रिभुवन सिंह और बृजेश सिंह को अभियुक्त बनाया था और मुख्तार इस मामले के प्रमुख गवाह थे. विगत दिनों इस मुकदमे की लगातार ट्रायल चल रही थी. अमिताभ ठाकुर ने कहा कि मौजूदा उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जिस प्रकार माफियाओं में भेदभाव कर कुछ माफियाओं को प्रश्रय और कुछ के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है, उससे इस प्रकार के तथ्य और तत्व होने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता. अतः आजाद अधिकार सेना इस मामले में सीबीआई जांच की मांग करती है.

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