बेटी के साथ-साथ मां भी बनी दुल्हन, देवर संग लिए सात फेरे, जानें पूरा मामला
एक तरफ बेटी शादी कर रही थी तो दूसरी ओर मां भी सात फेरे ले रही थी। मां-बेटी दोनों दुल्हन बनीं हुई थी। इस शादी की हर तरफ चर्चा हो रही है। मामला उत्तर प्रदेश के गोरखपुर का है।
मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना के तहत एक ही मंडप में मां-बेटी दोनों दुल्हन बनीं। बेटी इंदू की शादी उसके हमउम्र नौजवान राहुल से हुई तो 53 वर्षीय मां बेला देवी ने अपने 55 साल के अविवाहित देवर जगदीश के साथ सात फेरे लिए।
मां ने देवर से की शादी-
गोरखपुर के पिपरौली ब्लॉक में आयोजित इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम में कुल 63 जोड़े वैवाहिक बंधन में बंधे। लेकिन इसमें बेला और जगदीश की शादी सबसे चर्चित रही।
कुरमौल गांव के 55 वर्षीय जगदीश तीन भाइयों में सबसे छोटे हैं। वह गांव पर ही खेती-किसानी का काम करते हैं। इतनी उम्र गुजर जाने तक जगदीश ने शादी नहीं की थी।
करीब 25 साल पहले बड़े भाई हरिहर का निधन हो गया गया। उनके दो और तीन पुत्रियां थीं। जगदीश की भाभी बेला देवी सभी बच्चों को पढ़ाया-लिखाया अच्छे से परवरिश की।
उसी मंडप में बेटी भी बनी दुल्हन-
दो बेटों और दो बेटियों की शादी भी कर दी। तीसरी और सबसे छोटी बेटी इंदू की शादी पिपरौली ब्लॉक में आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में होना तय हुआ तो जगदीश और बेला ने भी अपने बारे में बड़ा निर्णय लिया।
दोनों ने अपने बच्चों और गांववालों से इस बारे में मशविरा किया और गुरुवार को बेला और जगदीश ने भी इंदू और राहुल के साथ ही उसी मंडप में सात फेरे ले लिए।
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