LIVE: लोकसभा में मोदी सरकार की पहली अग्निपरीक्षा, अविश्वास प्रस्ताव मंजूर

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मानसून सत्र आज से शुरू हो गया है। सत्र शुरू होने से पहले प्रधानमंत्री मोदी जब संसद पहुंचे तो उनका स्वागत फूल देकर किया गया। इस मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मीडिया से मुखातिब हुए और उन्होंने ने कहा कि मेरी कोशिश है कि इस बार संसद अच्छे तरीके से चले और उम्मीद है कि सभी राजनीतिक पार्टियां और विपक्ष हमारा सहयोग भी करेंगी। उन्होंने कहा कि संसद की छवि अच्छी बनाए जाने की जरूरत है। इस मानसून सत्र में देश के कई मसलों पर चर्चा जरूरी है। जितनी अधिक चर्चा होगी उतना अधिक सदन को फायदा मिलेगा, देश को फायदा मिलेगा। उन्होंने सभी पार्टियों के नेता से गुजारिश की कि उनकी मदद और सहयोग की अपेक्षा करता हूं। उन्होंने कहा कि सरकार हर मुद्दे पर बात करने को तैयार है।

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– ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद टीडीपी सहित कई पार्टियों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की बात कही जिसे लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने स्वीकार कर लिया।

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-लोकसभा में भारी हंगामे के बीच प्रश्नकाल की शुरुआत कांग्रेस सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की, उन्होंने कहा कि सरकार जिसके नेतृत्व में किसान आत्म हत्या करने पर मजबूर हो रहे हैं, जिसके शासनकाल में महिलाओं के साथ रोज बलात्कार हो रहे हैं ऐसी सरकार के खिलाफ हम अविश्वास का प्रस्ताव देते हैं।

– लोकसभा में समाजवादी पार्टी और तेलुगुदेशम पार्टी के सांसद मॉब लिंचिंग और आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा दिए जाने की मांग के साथ वेल में पहुंचकर प्रदर्शन कर रहे हैं।

– लोकसभा में जारी है हंगामा, चल रहा है प्रश्नकाल, पृथ्वी विज्ञान मंत्री हर्ष वर्धन दे रहें हैं जवाब,

– राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक स्थगित

-सत्र शुरू होते ही लोकसभा में विपक्षी दलों के सांसद लगा रहे हैं ‘वी वॉन्ट जस्टिस’ के नारे।

-मानसून सत्र की शुरुआत के साथ ही लोकसभा में लगे भारत माता की जय के नारे लगे।
– राज्यसभा में मनोनीत सदस्यों डांसर सोनल मानसिंह, लेखक राकेश सिन्हा और रघुनाथ मोहापात्रा ने शपथ ली। और लोकसभा में नव निर्वाचित सदस्यों ने गोपनीयता की शपथ ली

-प्रधानमंत्री संसद पहुंचे और उनका सांसदों ने फूल देकर स्वागत किया।

-विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और गृह मंत्री राजनाथ सिंह संसद पहुंचे।

-सीपीआई सांसद डी राजा गुस्से में नजर आए और उन्होंने मॉब लिंचिंग की घटनाओं और स्वामी अग्निवेश पर हुए हमले को लेकर राज्यसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया

-वाईएसआर कांग्रेस के सांसद संसद में गांधी की मूर्ति के पास आंध्र प्रदेश के विशेष राज्य की मांग को लेकर प्रदर्शन करना शुरू किया।

-आरजेडी सांसद जेपी यादव ने मॉब लिंचिंग की घटनाओं को लेकर लोकसभा में स्थगन प्रस्ताव दिया

-सत्र शुरू होने से पहले टीएमसी ने मॉब लिंचिंग के मुद्दे पर राज्यसभा में जीरो आवर नोटिस दिया है वहीं सत्र के लिए वाई एस आर चौधरी के घर पर मीटिंग की।

-18 जुलाई से शुरू हुआ यह सत्र 10 अगस्त तक चलने वाला है। इस सत्र में सरकार कई अहम विधेयक पास कराने की पुरजोर कोशिश करेगी।

मानसून सत्र के लिए 15 बिलों को सूचीबद्ध

सरकार ने मानसून सत्र के लिए 15 बिलों को सूचीबद्ध किया है। इनमें सरकार की प्राथमिकता अगले लोकसभा चुनाव के लिए गेमचेंजर माने जाने वाले तीन तलाक को दंडनीय बनाने, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा दिलाने और 12 वर्ष से कम उम्र की बच्चियों के साथ दुष्कर्म के आरोपियों को फांसी की सजा दिलाने वाले बिलों का कानूनी जामा पहनाने का है। इसी सत्र में सरकार को कई अध्यादेशों के संदर्भ में भी बिल पेश करना है।

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इस सत्र के लिए अब तक सरकार ने जिन बिलों को सूचीबद्ध किया है, उनमें तीन तलाक, मासूमों से रेप पर फांसी के लिए आपराधिक कानून संशोधन बिल, ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा बिल, सार्वजनिक परिसर अनधिकृत कब्जा निषेध संशोधन बिल, दंत चिकित्सक संशोधन बिल, जन प्रतिनिधि संशोधन बिल 2017, नेगोशिएबल इंस्ट्रूमेंट संशोधन बिल, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता बिल, भगोड़ा आर्थिक अपराध बिल, मानवाधिकार सुरक्षा संशोधन बिल, सूचना का अधिकार संशोधन बिल, डीएनए प्रौद्योगिकी उपयोग नियामक बिल, बांध सुरक्षा बिल, मानव तस्करी रोकथाम बिल, सुरक्षा एवं पुनर्वास बिल शामिल हैं। इसके अलावा सरकार की योजना नि:शुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का अधिकार दूसरा संशोधन बिल, महत्वपूर्ण बंदरगाह प्राधिकार बिल, राष्ट्रीय खेल विश्वविद्यालय बिल, भ्रष्टाचार रोकथाम संशोधन बिल, जिसे राज्यसभा में पेश करने के बाद प्रवर समिति को भेज दिया था, को चर्चा के लिए सदन में पेश करने की है।

सरकार की योजनाएं और चुनौतियां

मानसून सत्र में सरकार को लोकसभा में 28 और राज्यसभा में 30 विधेयक पारित कराने हैं। तीन तलाक के अलावा सरकार इस बार बहुविवाह और निकाह हलाला जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष को घेरेगी। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को भ्रष्टाचार के खिलाफ लोकपाल कानून बनाने के लिए 17 जुलाई की समयसीमा दी थी। सरकार को उसका अनुपालन भी सुनिश्चित करना है। इसके अलावा, पीजे कुरियन के रिटायर होने के बाद लोकसभा के उपाध्यक्ष का चुनाव भी मानसून सत्र में होना है। बीजेपी की कोशिश है कि लोकसभा में बहुमत होने के नाते इस पद पर या तो उसका अपना उम्मीदवार जीते या उसके किसी सहयोगी दल का। लेकिन विपक्ष इसके लिए अपना संयुक्त उम्मीदवार उतारना चाहता है।

(साभार- अमर उजाला)

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