गंदगी फैलाने वालों को ‘वंदे मातरम्’ कहने का हक नहीं

0

पीएम मोदी ने विवेकानंद के शिकागो भाषण की 125वीं वर्षगांठ और बीजेपी विचारक दीनदयाल उपाध्याय के जन्मशती समारोह के मौके पर राजधानी दिल्ली में विज्ञान भवन में छात्रों के एक सम्मेलन को संबोधित किया। मोदी ने विवेकानंद के अनमोल वचनों पर प्रकाश (highlighted ) डाला। साथ ही कहा कि देश में गंदगी फैलाने वालों को वन्देमातरम् कहने का कोई हक नहीं है। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि क्या खाएं और क्या नहीं, ये हमारी परंपरा नहीं है।

शौचालय नहीं तो शादी नहीं करेंगे

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ”कॉलेज- विश्वविद्गय़ालय के चुनाव में छात्र नेता कहते हैं कि हम ये करेंगे, हम वो करेंगे, लेकिन क्या उन्होंने कभी ये कहा है कि हम कैंपस साफ करेंगे।” उन्होंने कहा, ”कॉलेज में रोज़ डे का मैं विरोधी नहीं हूं। केरल पंजाब दिवस मनाए और पंजाब केरव दिवस मनाए। विविधता ही हमारे देश की पहचान है।”मोदी ने कहा, ”आज हम सफाई करें या ना करें, लेकिन गंदगी करने का हक हमें नहीं है। एक बार मैंने बोला था कि पहले शौचालय, फिर देवालय। आज कई बेटियां हैं जो कहती हैं कि शौचालय नहीं तो शादी नहीं करेंगे।

read more :  .. लेकिन पढ़ाई के आड़े नहीं आते आंसू

लेडीज एंड जेंटलमैन के अलावा भी कुछ होता है…

”प्रधानमंत्री मोदी ने वंदे मातरम पर कहा, ”यहां वंदे मातरम सुनकर रोंगटे खड़े हो जाते हैं। मैं पूछना चाहता हूं क्या हमें वंदे मातरम कहने का हक नहीं है?” उन्होंने कहा, ”लोग पान खाकर भारत मां पर पिचकारी मारते हैं और फिर वंदे मातरम बोलते हैं। आज सफाई का काम करने वालों को ही वंदे मातरम बोलने का हक है। प्रधानमंत्री”मोदी ने कहा, ”क्या कभी दुनिया में किसी ने सोचा था कि किसी लेक्चर के 125 वर्ष मनाए जाएंगे? मुझे गर्व होता है जब मैं किसी से कहता हूं कि मेरे देश के रवींद्र नाथ टैगोर ने पड़ोसी देश श्रीलंका और बांग्लादेश का राष्ट्रगान लिखा है।”मोदी ने कहा, ”जब विवेकानंद ने ब्रदर्स एंड सिस्टर्स कहा था तो दो मिनट तक तालियां बजी थीं। विश्व को तब पता चला था कि लेडीज एंड जेंटलमैन के अलावा भी कुछ होता है।”

read more :  आज ‘घोटाला मामले’ में सीबीआई के समक्ष ‘गैरहाजिर’ रहेंगे लालू

शिकागो में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था

उन्होंने कहा, ”अमेरिका में ब्रदर्स ऐंड सिस्टर्स कहने पर हम नाच उठे, पर हम नारी का सम्मान करते हैं क्या?” ”जो उनके भीतर मानव नहीं देख पाते, तो क्या स्वामी विवेकानंद के उन शब्दों पर ताली बजाने का हमको हक है, यह सोचने का विषय है।” उन्होंने कहा, ”स्वामी विवेकानंद ने अपने अल्प जीवन में दुनिया में अपनी छाप छोड़ी थी। प्रेरणास्रोत स्वामी विवेकानंद की हर बात आज हमें नई ऊर्जा प्रदान करती है।
सम्मेलन का विषय (थीम) ‘यंग इडिया, न्यू इंडिया’ है। छात्रों का यह सम्मेलन ऐसे दिन हो रहा है, जिस दिन स्वामी विवेकानंद ने 1893 में शिकागो में अपना ऐतिहासिक भाषण दिया था।

read more :  स्कॉटलैंड में सैकड़ों बच्चों की सामूहिक कब्रें मिलीं

सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया

यूनिवर्सिटी ग्रांट कमिशन(यूजीसी) ने सभी विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षा संस्थानों को पीएम मोदी का यह भाषण लाइव दिखाने की व्यवस्था करने को कहा गया है। स्वामी विवेकानन्द वेदान्त के विख्यात और प्रभावशाली आध्यात्मिक गुरु थे। उनका वास्तविक नाम नरेन्द्र नाथ दत्त था। उन्होंने अमेरिका स्थित शिकागो में साल 1893 में आयोजित विश्व धर्म महासभा में भारत की ओर से सनातन धर्म का प्रतिनिधित्व किया था।

वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे

भारत का आध्यात्मिकता से परिपूर्ण वेदान्त दर्शन अमेरिका और यूरोप के हर एक देश में स्वामी विवेकानन्द की वक्तृता के कारण ही पहुंचा था। भारत में विवेकानंद को एक देशभक्त संत के रूप में माना जाता है और इनके जन्मदिन को राष्ट्रीय युवा दिवस के रूप में मनाया जाता है। स्वामी विवेकानन्द ने रामकृष्ण मिशन की स्थापना की थी जो आज भी अपना काम कर रहा है। वे रामकृष्ण परमहंस के सुयोग्य शिष्य थे। उन्हें प्रमुख रूप से उनके भाषण की शुरुआत मेरे अमरीकी भाइयो और बहनों के साथ करने के लिये जाना जाता है। उनके संबोधन के इस प्रथम वाक्य ने सबका दिल जीत लिया था। आज पीएम ने भी अपने भाषण में इसका जिक्र किया है।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More