सबके खाते में आने वाला है पैसा!

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अब सभी के खाते में जल्द पैसा आने वाला है। इसके लिए मोदी सरकार बजट में बड़ी घोषणा की कर सकती है। जी हां चौकिए नहीं, दरअसल आने वाले अंतरिम बजट में मोदी सरकार देश के लोगों को बड़ा तोहफा देने जा रही है।

माना जा रहा है कि फरवरी में अंतरिम बजट के दौरान वित्तमंत्री अरुण जेटली एक अनूठी घोषणा कर सकते हैं। ये है UBI यानी यूनिवर्सल बेसिक इनकम। इसके तहत परिवार के हर सदस्य के खाते में एक निश्चित रकम डाली जाएगी।

ये कॉन्सेप्ट दुनिया के कई देशों में है, जहां बेरोजगार लोगों को सरकार कुछ पैसा देती है ताकि वो अपनी जरूरत के कुछ खर्चे पूरे कर सकें। फिलहाल मोदी सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों से ये प्रस्ताव मांगा है कि इसे कैसे लागू किया जाए? क्या शुरू में इसे सिर्फ किसानों के लिए लागू किया जाए या फिर सभी को इसके दायरे में लाया जाए।

लूथर किंग जूनियर ने गारंटीड इनकम का आइडिया दिया

‘यूनिवर्सल बेसिक इनकम’ स्कीम के तहत सरकार देश के हर नागरिक को बिना शर्त एक तय रकम देती है। कुछ खास तबकों जैसे गरीबी रेखा के नीचे रहने वालों को अगर यह सुविधा दी जाती है तो इसे ‘पार्शल बेसिक इनकम’ कहते हैं। साल 1967 में मार्टिन लूथर किंग जूनियर ने गारंटीड इनकम का आइडिया दिया ताकि आय की असमानता कम हो सके। वैसे ये एक सरकारी योजना है, जिसके तहत किसी देश की सरकार अपने हर नागरिक को हर महीने एक निश्चित रकम देती है।

बच्चों को हर महीने एक निश्चित रकम दी गई

मध्य प्रदेश की एक पंचायत में पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर ऐसी स्कीम को लागू किया गया था जिसके नतीजे काफी अच्छे आए। साल 2010 से 2016 तक चले इस प्रोजेक्ट के तहत लोगों और बच्चों को हर महीने एक निश्चित रकम दी गई। इसकी फंडिंग यूनिसेफ से ने की और हर महीने पैसा लोगों के बैंक अकाउंट में पहुंचा। इसके बाद कई एनजीओ ने सर्वे कर बताया कि लोगों की जिंदगी में बदलाव आया।

अलग-अलग स्तर पर अपने नागरिकों को ये सुविधा दे रहे हैं

विश्व के कई देश अलग-अलग स्तर पर अपने नागरिकों को ये सुविधा दे रहे हैं। इनमें साइप्रस, फ्रांस, अमेरिका के कई राज्य, ब्राजील, कनाडा, डेनमार्क, फिनलैंड, जर्मनी, नीदरलैंड, आयरलैंड, लग्जमबर्ग, स्वीडन, स्विटरजरलैंड और यूनाइटेड किंगडम शामिल हैं।

सरकार ने विभिन्न मंत्रालयों से राय मांगी है कि यूनिवर्सल बेसिक इनकम में कौन शामिल होगा, किसे फायदा मिलेगा, न्यूनतम इनकम सीमा क्या होगी? जरूरत पड़ने पर सरकार एक पैनल भी गठित कर सकती है। जिन राज्यों में किसानों के लिए बेसिक इनकम मॉडल लागू किया गया है, सरकार उनका भी अध्ययन कर रही है।

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