भारतीय महिला टीम की वनडे कप्तान मिताली राज अपने लंबे चौड़े करियर को अलविदा कहने से पहले अपने खाते में एक विश्व कप ट्रॉफी और जोड़ना चाहती हैं।
मिताली ने अपनी कप्तानी में दो बार भारत को वनडे विश्व कप के फाइनल में पहुंचाया है। मिताली की कप्तानी में भारतीय टीम 2005 और 2017 में महिला विश्व कप के फाइनल में पहुंची थीं, लेकिन पहले ऑस्ट्रेलिया ने मिताली की सेना को रोका था तो बाद में इंग्लैंड ने उनका सपना चूर कर दिया था।
मिताली ने कहा, “टीमें अब हमें हल्के में नहीं लेतीं। वो हमारे खिलाफ तैयारी करके आती हैं।”
उन्होंने कहा, “विश्व की बेहतरीन टीमों को लगातार हराना, चाहे वो वनडे में आस्ट्रेलिया हो या टी-20 में इंग्लैंड, इसने हमें काफी आत्मविश्वास दिया है कि हम किसी भी टीम को हरा सकते हैं।”
खेल के सबसे छोटे प्रारूप से लिया संन्यास-
मिताली ने पिछले साल टी-20 विश्व कप के बाद से खेल के सबसे छोटे प्रारूप से संन्यास ले लिया था ताकि वह अपने वनडे करियर को और आगे ले जा सकें। उन्होंने बताया कि कोरोनावायरस के कारण इस मजबूरी के ब्रेक में वह कैसे अपने आप को फिट रखने के लिए प्रेरित कर रही हैं।
उन्होंने कहा, “फिटनेस, मेरी उम्र में ऐसी चीज है कि जिस पर आपको लगातार मेहनत करने की जरूरत होती है। मैं जानती हूं कि मैं अपनी स्किल नहीं भूल सकती। मेरे अंदर अभी भी बल्लेबाजी बाकी है। मुझे लय में आने के लिए कुछ सत्र लगेंगे।”
उन्होंने कहा, “हममें से कुछ के पास दौड़ने की जगह है जबकि मेरे जैसी कुछ खिलाड़ियों के पास घर में ज्यादा जगह नहीं है इसलिए हमारे ट्रेनर हमारे लिए रूटीन बना रहे हैं। कोच हमारी स्किल ट्रेनिंग को लेकर रचनात्मक होने की कोशिश कर रहे हैं।”
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