तीन तलाक बिल के जरिए मुस्लिम महिलाओं के घरो को तोड़ने की साजिश : महबूबा
जम्मू कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीडीपी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने ट्रिपल तलाक बिल मामले में मोदी सरकार पर निशाना साधा है। महबूबा मुफ्ती ने कहा कि ट्रिपल तलाक बिल के माध्यम से मोदी सरकार हमारे घर में घूस रही है। तीन तलाक का मुद्दा उठाकर सरकार महिलाओं की मुश्किलों को बढ़ा रही है। तीन तलाक के जरिए भाजपा मुस्लिम महिलाओं के घरों को तोड़ने की साजिश कर रही है।
मोदी सरकार सोमवार को राज्यसभा में तीन तलाक से जुड़ा बिल पेश करने वाली है। लोकसभा में यह पहले ही पारित हो चुका है। फिलहाल, राज्यसभा में बिल को पेश किए जाने से पहले विपक्ष लामबंद नजर आ रहा है। इसी क्रम में जम्मू- कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती ने सोमवार को कहा कि इस बिल के जरिये वे हमारे घर में घुस रहे हैं। इससे परिवारिक जीवन प्रभावित होता है। औरत और पुरुष दोनों आर्थिक तौर पर परेशानी झेलते हैं।
महबूबा मुफ्ती ने श्रीनगर में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस ने कहा, ‘तीन तलाक लाकर वे (बीजेपी) हमारे घर में घुस रहे हैं। इससे हमारा घर-परिवार प्रभावित होगा। इससे महिला और पुरुष दोनों को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ेगी।’ उन्होंने कहा, ‘मैं महिलाओं का दर्द समझ सकती हूं। शादी के टूटने के बाद बाद महिलाओं को भारी आर्थिक संकट का सामना करना पड़ता है।
हम जब मुस्लिम आरक्षण की बात करते हैं तो बीजेपी इसे धार्मिक आधार पर नाकार देती है। लेकिन तीन तलाक पर कानून जैसी कोई चर्चा होती वो संसद को चलने देते हैं।’ट्रिपल तलाक पर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के माजिद मेमन ने कहा कि मुस्लिम महिलाएं नहीं चाहती हैं कि यह बिल पास होना चाहिए. ढोल बजाया जा रहा है। मोदी जी की सरकार की तरफ से कि मुस्लिम महिलाओं को काफी परेशानी है, और यह बिल उनके अधिकारों को दिलाएगा। सच्चाई तो यह है कि मुस्लिम महिलाओं के घरों को तोड़ने की साजिश इस बिल के जरिए हो रही है।
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आप नेता संजय सिंह ने कहा कि इस बिल को सबसे पहले सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए क्योंकि इसमें बहुत सारी विसंगतियां हैं। इस बिल में बहुत सारी कमियां हैं। आप तलाक को आपराधिक क्यों घोषित कर रहे हैं, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल तीन तलाक को असंवैधानिक घोषित किया है। असंवैधानिक घोषित हो गया है तो उसे आपराधिक क्यों घोषित करना चाहते हैं। इसका मतलब यह है कि मुस्लिम महिलाओं को अधिकार दिलाने की चिंता नहीं है। जबकि अपनी 2019 में राजनीति चमकाने की चिंता है।
वहीं, आरजेडी नेता मनोज झा ने ट्रिपल तलाक बिल को राज्यसभा में रखे जाने पर कहा कि पूरे विपक्ष की पहली मांग है कि इसे पहले सेलेक्ट कमेटी को भेजा जाए. मैं फौरी तौर पर यह कहूं कि आप एक सिविल कांट्रैक्ट को क्रिमिनलाइज कर रहे हैं। यह सरकार आखिर ऐसा क्यों कर रही है? यह मेरी समझ में नहीं आ रहा है। मैं इस पर कम से कम 20 बिन्दुओं को भी बता दूंगा जिस पर सरकार ने गौर नहीं किया है। मुझे लगता है कि अगर आप इसे सही तरीके से लाना चाहते थे तो आप इस पर संजीदगी होनी चाहिए। आप इस पर मुस्लिमों को डरा रहे हैं।
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राज बब्बर ने कहा कि विपक्ष मांग यह कर रहा है कि यह सेलेक्ट कमेटी में जाना चाहिए। यह कोई जुमला नहीं है। कोई नारा नहीं है। यह कानून बनने जा रहा है। जहां एक तरफ आप समाज के उन लोगों के पतियों को सड़क पर मारते आ रहे हैं और जो गुनहगार हैं उनको पकड़ा नहीं जा रहा है. दूसरी तरफ, आप मुस्लिम महिलाओं के पतियों को अपराधी बनाकर उन्हें अपराधी के तौर पर खड़ा करने जा रहे हैं। मैं यह चाहता हूं कि इसे पहले सेलेक्ट कमेटी के पास भेजा जाए। उसके बाद इस पर चर्चा होनी चाहिए।
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