नई दिल्ली: जम्मू एवं कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती Mehbooba Mufti को बुधवार को रिहा किया जा सकता है। महबूबा बीते आठ महीनों से पब्लिक सेफ्टी एक्ट (पीएसए) के तहत हिरासत में हैं। सूत्रों ने बताया कि महबूबा Mehbooba Mufti पर से पीएसए हटाने का आदेश आज इस केंद्र शासित प्रदेश के गृह मंत्रालय से आ सकता है।
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Mehbooba Mufti को पांच अगस्त, 2019 को राज्य के दो अन्य पूर्व मुख्यमंत्रियों- फारूख अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला के साथ हिरासत में लिया गया था। इन नेताओं को राज्य में धारा 370 को हटाए जाने के बाद हिरासत में लिया गया था।। फारुख को तो बीते महीने रिहा कर दिया गया था जबकि उमर को मंगलवार को रिहा किया गया था।
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जम्मू और कश्मीर की पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती Mehbooba Mufti की रिहाई की मांग को लेकर उनकी बेटी इल्तिजा मुफ्ती ने मंगलवार को उपराज्यपाल को चिट्ठी लिखी थी। कोरोना वायरस के खतरे को देखते हुए उन्होंने अपनी मां महबूबा मुफ्ती और हिरासत में लिए गए अन्य सभी लोगों को छोड़ने की मांग की थी।
इल्तिजा ने अपने चिठ्ठी में दलील दी है कि जब अमेरिका में जेलों से कैदियों को छोड़ा जा रहा है तो यहां पिछले 8 महीने से लगाए गए आरोप के आधार पर जेल में रखे गए लोगों को रिहा करने में भारत सरकार की हिचक समझ से परे है।
इल्तिजा ने चिट्ठी में ये हवाला भी दिया था कि जेलों में बंद 65 वर्ष की आयु से अधिक के वरिष्ठ नागरिक, डायबिटीज, हाइपरटेंशन और सांस की तकलीफ वाले लोग भी हैं जो कम प्रतिरोधक क्षमता की वजह से आसानी से COVID-19 के संक्रमण का शिकार हो सकते हैं। घाटी से सैकड़ों वरिष्ठ नागरिक इस वक्त देश की कई जेलों में विभिन्न बीमारियों से जूझ रहे हैं।
चिट्ठी में इल्तिजा ने लिखा – उपरोक्त परिस्थितियों में मैं आपसे हिरासत में रखे गए सभी लोगों को तत्काल रिहा करने और अपने घर जाने की इजाजत देने का आग्रह करती हूं।
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