आज येदियुरप्पा का ‘फ्लोर टेस्ट’, विधानसभा सत्र से पहले BJP विधायकों की बैठक

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मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने वाला वादा निभा चुके बीएस येदियुरप्पा के सामने आज एक और अग्निपरीक्षा है। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद येदियुरप्पा को आज शाम 4 बजे कर्नाटक विधानसभा चुनाव में बहुमत साबित करना है। अगर वो ऐसा कर पाते हैं, तो उनकी कुर्सी बची रहेगी, अन्यथा सीएम बनने का मौका जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को मिल सकता है।

सुबह 8.50 बजे: गुलाम नबी आजाद और मल्लिकार्जुन खड़गे होटल हिल्टन पहुंचे हैं। यहां कांग्रेस और जेडीएस के विधायक मौजूद हैं। हैदराबाद से विधायकों को लाकर यहीं रखा गया है।
सुबह 8.40 बजे: शंगरी-ला होटल में बीजेपी की बैठक चल रही है। इस बैठक में मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा और कर्नाटक के चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर समेत बीजेपी के विधायक भी शामिल हैं।

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होटल के बाहर येदियुरप्पा ने कहा मैं 100 प्रतिशत बहुमत साबित करने जा रहा हूं। आपको बता दें कि येदियुरप्पा के सामने 7 विधायकों की कमी है लेकिन वो फिर भी सदन के सामने टेस्ट में पास होने का दावा कर रहे हैं। वहीं, हैदराबाद से कांग्रेस और जेडीएस विधायकों से भरी हुई बसें कर्नाटक की सीमा में दाखिल हो गई हैं।

खरीद-फरोख्त के डर से कांग्रेस और जेडीएस ने अपने विधायकों को हैदराबाद भेज दिया था, जहां से देर रात उन्होंने बेंगलुरु की फ्लाइट ली। सुबह सेवेरे दोनों पार्टियों के विधायक बेंगलुरु पहुंच गए हैं। यहां पहुंचने के बाद विधायकों को बस से होटल हिल्टन ले जाया गया। कांग्रेस और जेडीएस का भी दावा है कि शक्ति परीक्षण में जीत उनके गठबंधन की ही होगी।

प्रोटेम स्पीकर पर सुनवाई

शक्ति परीक्षण से पहले सुप्रीम कोर्ट में प्रोटेम स्पीकर की नियुक्ति पर सुनवाई होनी है। कांग्रेस-जेडीएस की राज्यपाल के फैसले के खिलाफ अर्जी पर तीन जजों की बेंच सुबह 10.30 बजे सुनवाई करेगी। दरअसल, शक्ति परीक्षण से पहले राज्यपाल वजुभाई वाला ने के.जी बोपैया को विधानसभा का अस्थाई अध्यक्ष (प्रोटेम स्पीकर) नियुक्त किया है।

इस फैसले को कांग्रेस और जनता दल(एस) गठबंधन ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है, जिस पर आज सुनवाई होनी है। कर्नाटक विधानसभा चुनाव की 222 सीटों पर आए नतीजों में बीजेपी को 104 सीटें मिली, और यह संख्या बहुमत से 7 कम है। दूसरी ओर, कांग्रेस को 78 और जेडीएस को 37, बसपा को 1 और अन्य को 2 सीटें मिली हैं। कुमारस्वामी ने 2 सीटों पर जीत हासिल की है, इसलिए बहुमत के लिए 111 विधायक चाहिए। ऐसे में बीजेपी की इस नई सरकार के लिए शनिवार का दिन बेहद अहम साबित होने जा रहा है। ऐसा नहीं है कि येदियुरप्पा सरकार के बचने की कोई उम्मीद ही नहीं है। यहां भी अगर-मगर की स्थिति है।

क्या हैं विकल्प

कर्नाटक विधानसभा में बहुमत का जादुई आंकड़ा हासिल करने के लिए येदियुरप्पा के सामने चंद विकल्प ही मौजूद हैं। पहला विकल्प ये है कि पार्टी लाइन से अलग होकर कांग्रेस या जेडीएस के 7 विधायक विश्वास प्रस्ताव के समर्थन में वोट दे दें, जिससे बीजेपी का आंकड़ा 104 से बढ़कर 111 हो जाए। दूसरा विकल्प है कि विपक्ष के 14 विधायक मतदान से गैरहाजिर रहें, जिससे सदन की संख्या 221 से घटकर 207 हो जाएगी और तब बहुमत के लिए बीजेपी को सिर्फ 104 विधायकों की ही जरुरत पड़ेगी, जो कि उसके पास मौजूद हैं।

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