कई दिग्गजों के जाने वाले,अच्छे दिन, सुप्रीम आदेश से कसेगा पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों पर शिकंजा
विशेष पीठ बनाकर प्रभावी निगरानी का आदेश
नई दिल्ली: पूर्व और वर्तमान सांसदों व विधायकों के लंबित मामलों की सुनवाई में तेजी लाने के सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जनप्रतिनिधियों पर शिकंजा कसे जाने की उम्मीद जग गई है. इस आदेश के बाद पूर्व बाहुबली विधायक विजय मिश्र, कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सूरजेवाला, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, पूर्व विधायक व माफिया सरगना मुख्तार अंसारी के मामलों की सुनवाई में तेजी आती दिखाई दे रही है. इससे उम्मीद जगी है कि अपने प्रभावों का इस्तेमाल कर ऐनकेन प्रकारेण मामलों के लटकाए रखने वालों के अब ‘अच्छे दिन‘ जाने वाले हैं.
खंगाली जा रही एमएपी/एमएलए कोर्ट से जुड़े मामलों की फाइलें …
गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाईकोर्ट को मौजूदा और पूर्व सांसद-विधायकों से जुड़े आपराधिक मामलों की प्रभावी निगरानी करने के आदेश दिए हैं. अदालत ने कहा है कि मुकदमों के लिए विशेष पीठ बनाएं, ताकि लंबित आपराधिक मुकदमों का निपटारा तेजी से हो सके। इसे देखते हुए अभियोजन एमएपी/एमएलए कोर्ट से जुड़े मामलों से सम्बंधित फाइलें खंगाल रहा है. साक्ष्य सहित तमाम फाइलें एक जगह रखी जा रही हैं. विशेष न्यायाधीश एमएपी/एमएलए अवनीश गौतम की अदालत में दो वर्तमान सांसद और दो विधायक के मामले विचाराधीन हैं. इसी तरह दो पूर्व सांसद और चार पूर्व विधायकों से संबंधित गंभीर आपराधिक मामलों की सुनवाई अदालत में चल रही है. सुप्रीम आदेश के बाद अब जनप्रतिनिधियों से सम्बंधित हत्या और हत्या के प्रयास जैसे गंभीर मुकदमों की सुनवाई में तेजी आने लगी है.
विभिन्न दलों के माननीय हैं आरोपित …
वर्ष 2000 में बलवा, सरकारी कार्य में बाधा सहित अन्य आरोपों में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला सहित अन्य लोग आरोपित हैं. मामला वाराणसी के कैंट थाने में दर्ज हुआ था. यह मामला बहुचर्चित संवासिनी कांड में कांग्रेस नेताओं व कार्यकर्ताओं को आरोपित बनाये जाने के विरोध में प्रदर्शन से जुड़ा है. आरोप है कि कमिश्नर कार्यालय में तोड़फोड़ और हंगामा किया गया था. हालांकि इस मामले के आरोपितों को सीबीआई क्लीन चिट दे चुकी है.
विधायक व एमएलसी भी हैं मुकदमों की फेरिस्त में…
इसके अलावा वर्ष 2002 में वाराणसी के ही नदेसर गोलीकांड मामले में हत्या के प्रयास सहित अन्य आरोपों में कैंट थाने में पूर्व सांसद धनंजय सिंह ने मुकदमा दर्ज कराया था. इसमें अयोध्या की एक सीट से सपा विधायक अभय सिंह और भाजपा एमएलसी विनीत सिंह सहित अन्य लोग आरोपित हैं. इस मामले की सुनवाई चल रही है. वर्ष 2005 में शिवपुर थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में पूर्व विधायक उदयभान सिंह आरोपित है.
कई बाहुबली भी हैं लाइन में …
उधर, शिवपुर थाने में बाहुबली सुभाष ठाकुर के खिलाफ दर्ज पुराने मामले की सुनवाई में भी तेजी आई है. वर्ष 2009 में वाराणसी के मंडुवाडीह थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज मुकदमे में घोसी लोकसभा क्षेत्र से बसपा सांसद अतुल राय के साथ तीन अन्य लोग भी आरोपित हैं. वर्ष 2011 में कैंट थाने में दर्ज किए गए हत्या और अपहरण सहित अन्य मामलों से संबंधित मुकदमे में सांसद अतुल राय समेत चार अन्य लोग भी आरोपित हैं। वर्ष 2012 में कैंट थाने में हत्या सहित अन्य आरोपों में दर्ज मुकदमे में पूर्व सांसद जवाहर जायसवाल और चार अन्य आरोपित हैं. कैंट थाने में वर्ष 2011 और 2012 में गैंगस्टर एक्ट के तहत दर्ज दो मुकदमे में बसपा सांसद अतुल राय सह अभियुक्त हैं. वर्ष 2017 में लंका थाने में हत्या के प्रयास सहित अन्य आरोपों में मदन यादव के खिलाफ दर्ज मुकदमे में सांसद अतुल राय सह अभियुक्त हैं. वर्ष 2021 में घोसी सांसद अतुल राय के खिलाफ लंका थाने में गैंगस्टर एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया था. इसी वर्ष पूर्व विधायक विजय मिश्रा और उसकी पत्नी रामलली के खिलाफ प्रयागराज के हंडिया थाने में आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया था. वर्ष 2022 में पूर्व विधायक विजय मिश्रा सहित 14 लोगों के खिलाफ जैतपुरा थाने में दुष्कर्म पीड़िता सिंगर को धमकाने और लूट सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था.
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बलवा, दुष्कर्म, धमकी आदि के मुकदमें हैं लटके….
कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष व पूर्व विधायक अजय राय के खिलाफ वर्ष 2010 और 2015 में क्रमशः वाराणसी के चेतगंज और दशाश्वमेध थाने में बलवा सहित अन्य आरोपों में मुकदमा दर्ज किया गया था. इसके अलावा मुख्तार से जुड़े दो मामलों की सुनवाई वाराणसी की अदालत में चल रही है. इनमें से एक मुकदमा भेलूपुर थाने का वर्ष 1997 की धमकी का है और दूसरा वर्ष 1990 का गाजीपुर जिले से फर्जी तरीके से शस्त्र लाइसेंस जारी कराने से सम्बंधित है. वाराणसी के दो दशक से अधिक समय के अवधेश राय हत्याकांड और गाजीपुर के गैंगस्टर में मुख्तार को सजा हो चुकी है. इनमें से पूर्व और वर्तमान जनप्रतिनिधियों से जुड़े कई ऐसे मामले हैं जो वर्षों से लम्बित हैं.