कई महाद्वीप 2100 तक जलमग्न होंगे
वैश्विक तापमान में साल 2100 तक 2 डिग्री सेल्सियस से अधिक वृद्धि होने की संभावना है। ऐसे में कई तटों के डूबने व महाद्वीपों के काफी हिस्सों के जलमग्न होने की आशंका है। शोधकर्ता दो अलग-अलग अध्ययनों के बाद इस नतीजे पर पहुंचे हैं। ‘सीएनएन’ की रिपोर्ट के अनुसार, पूरी तरह से अलग-अलग तरीकों से हुए अध्ययनों के आधार पर तापमान में वृद्धि के ये संकेत अच्छे नहीं हैं।
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एक अध्ययन में सांख्यिकीय विश्लेषण का इस्तेमाल किया गया, जो दशार्ता है कि पृथ्वी के सदी के अंत तक 2 डिग्री से अधिक गर्म होने की संभावना है और इसके 1.5 डिग्री से कम होने की केवल एक फीसदी संभावना है।
पहले शोध के लेखक एड्रियन रैफटरी ने कहा, “हमारा मॉडल डेटा पर आधारित है, जो मौजूदा उत्सर्जन शमन नीतियों के प्रभाव को दशार्ता है। 1.5 डिग्री सेल्सियस के कम तापमान वृद्धि के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए वर्तमान में कार्बन तीव्रता की आवश्यकता को अतीत की तुलना में बहुत तेजी से घटाना होगा।”
वहीं, दूसरे शोध में ग्रीनहाउस गैसों के उत्सर्जनों और ईंधनों को जलाने का विश्लेषण किया गया, जिसके आधार पर अगर मानव ईंधनों को जलाना तुरंत रोक दे, तो भी 2100 तक पृथ्वी का दो डिग्री से अधिक की तीव्रता से लगातार गर्म होना जारी रहेगा।
यह शोध सोमवार को ‘नेचर क्लाइमेट चेंज’ पत्रिका में प्रकाशित किया गया।
वैज्ञानिकों ने इस बारे में गंभीर परिणामों से लोगों को चेताया है।
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