कब-कब एमपी/एमएलए हो चुके है निष्काषित?

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2019 के आपराधिक मानहानि के मामले मे वायनाड के सांसद राहुल गांधी को लोकसभा से निष्काषित कर दिया गया। संसद के एक नोटिस के अनुसार, सूरत की एक अदालत ने उन्हें मानहानि का दोषी पाया और दो साल की जेल की सजा सुनाई, जिसके बाद संसद ने शुक्रवार को विपक्षी कांग्रेस पार्टी के नेता राहुल गांधी को एक विधायक के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया।

क्या है पूरा मामला?

काँग्रेस लीडर और सिटिंग एमपी राहुल गांधी को संसद से निष्काषित कर दिया गया। राहुल गांधी के ऊपर 2019 के मानहानि मामले पर सूरत कोर्ट ने उन्हे दोषी करार कर दो साल की सज़ा सुनाई है। 2019 के चुनाव के दौरान राहुल गांधी ने “मोदी सरनेम” के ऊपर रिमार्क दिए थे। सूरत कोर्ट ने राहुल गांधी को उस मामले मे दोषी करार दिया और दो साल की सज़ा सुनाई है।

हालकि यह पहली बार ऐसा नहीं हुआ हैन जब किसी सिटिंग एमपी/एमएलए को निष्काषित किया गया है।

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आज तक कितने एमपी/एमएलए हो चुके है निष्काषित?

देश के राजनीतिक इतिहास मे ऐसा कई बार हुआ है। ऐसे मामलों मे कई बड़े चेहरे भी शामिल है।

  • 2023 मे लक्षद्वीप से सांसद मोहम्मद फ़ैज़ल को पार्लियामेंट से निष्काषित किया गया था।
  • राष्ट्रीय जनता दल के मुखिया लालू प्रसाद यादव को चार घोटाले मे दोषी करार होने के बाद 2013 मे उन्हे सदन से निष्काषित कर दिया गया था।
  • उत्तरप्रदेश के रामपुर से सांसद आजम खान को हटे स्पीच के मामले मे संसद से 2019 मे निष्काषित कर दिया गया था।
  • तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता को आय से आधिक संपत्ति के मामले मे सदन से निष्काषित किया गया था।
  • बहरहाल राज्यसभा सांसद रशीद मसूद और अब्दुल्लाह आजम खान को भी निष्काषित किया जा चुका है।

विधायकों/सांसदों की अयोग्यता पर कानून क्या कहता है?

जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 8 (3) के अनुसार, किसी भी अपराध के लिए दोषी पाए गए सांसद/विधायक को सजा की तारीख से अयोग्य घोषित किया जाएगा। यानि किसी भी सांसद या विधायक को उनके दोषी करार होने के साथ ही सदन से निष्काषित कर दिया जाता है।

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