मोदी ‘सरनेम’ मामले में सजा के बाद राहुल गांधी की गई संसद सदस्यता, 2024 का चुनाव लड़ना हुआ मुश्किल

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राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। मोदी सरनेम मानहानि मामले में सूरत की सजा ने कांग्रेस नेता को सुनाई थी 2 साल की सजा। लोकसभा सचिवालय ने राहुल की सदस्यता खत्म करने का नोटिफिकेशन जारी कर दिया है। गौरतलब है कि 2 साल ये उससे ज्यादा की सजा होने के बाद सांसद या विधायक की सदस्यता रद्द हो जाती है। हालांकि, सूरत की कोर्ट ने राहुल की सजा को 30 दिन के लिए सस्पेंड कर दिया है। इस दौरान राहुल उच्च अदालत में अपील कर सकते हैं। मौजूदा स्थिति में राहुल गांधी अब 8 साल तक चुनाव नहीं लड़ सकते हैं।

अब राहुल के सामने क्या है रास्ता?

राहुल गांधी इस वक्त अपने करियर के सबसे बड़े संकट से जूझ रहे हैं। राहुल को तो सबसे पहले नियमित जमानत की अर्जी दाखिल करना होगा। अगर 30 दिन के अंदर उन्हें नियमित जमानत नहीं मिलेगी तो उन्हें सरेंडर करना होगा। राहुल को सबसे पहले सेशन कोर्ट जाना होगा। अगर वहां उन्हें राहत नहीं मिलेगी तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट तक जाना होगा। जनप्रतिनिधित्व कानून के तहत 2 साल ये उससे ज्यादा की सजा पर सांसदी या विधायकी चली जाती है।

कैसे बच पाएंगे राहुल?

राहुल के पास अभी फिलहाल एक ही रास्ता है कि ऊपरी अदालत राहुल गांधी की दोषसिद्धी वाली सजा को ही निलंबित कर दे। तो वह लोकसभा के लिए अयोग्य नहीं होंगे। लिली थॉमस और लोक प्रहरी मामले में सुप्रीम कोर्ट के 2013 और 2018 के फैसलों में जनप्रतिनिधित्व कानून में अयोग्यता से बचने का एक ही रास्ता है कि या तो सजा निलंबित कर दी जाए या फिर दोषी करार दिए जाने के फैसले को निलंबित कर दिया जाए।

क्या है पूरा मामला…

राहुल गांधी के खिलाफ यह मामला उनकी उस टिप्पणी को लेकर दर्ज किया गया था, जिसमें उन्होंने कथित तौर पर कहा था, ‘सभी चोरों का समान उपनाम मोदी ही कैसे है?’ राहुल गांधी की इस टिप्पणी के खिलाफ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता और गुजरात के पूर्व मंत्री पूर्णेश मोदी ने शिकायत दर्ज कराई थी। वायनाड से लोकसभा सदस्य राहुल गांधी ने यह कथित टिप्पणी 2019 के आम चुनाव से पहले कर्नाटक के कोलार में 13 अप्रैल को आयोजित जनसभा में की थी।

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