जाकिर नाईक के मलेशिया में धार्मिक उपदेश पर लगा बैन

मलेशिया में भड़काऊ भाषण देने की वजह से ​विवादित उपदेशक जाकिर नाइक पर सार्वजनिक उपदेश देने पर पूरे देश में रोक लगा दी गई है।

मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने विवादित भारतीय इस्लामी धर्म उपदेशक और मनी लॉन्ड्रिंग केस में वांछित जाकिर नाइक को भारत प्रत्यर्पित न करने पर अड़े हुए थे। अब यही उनके लिए सिरदर्द बन गया है।

मलेशियाई प्रधानमंत्री महातिर मोहम्मद ने विवादित भारतीय इस्लामी धर्म उपदेशक को कहा चुके हैं कि उसे देश में राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की इजाजत नहीं है।

बात दें कि जाकिर पिछले कुछ समय से मलेशिया में शरण लिए हुए है। भारत सरकार मलेशिया से जाकिर के प्रत्यर्पण करने का आग्रह भी कर चुकी है।

नस्लीय टिप्पणी मामले में किया गया तलब-

मलेशियाई अधिकारियों ने जाकिर नाइक को हिंदुओं एवं चीनियों के खिलाफ कथित नस्लीय टिप्पणी करने के मामले में दूसरी बार तलब किया गया है।

आधिकारिक बरनामा संवाद समिति ने सोमवार को खबर दी कि नाइक को रॉयल मलेशिया पुलिस मुख्यालय, बुकित अमन में उसका बयान दर्ज कराने के लिए दूसरी बार बुलाया गया है।

भारतीय अधिकारी कथित धनशोधन और घृणा भाषणों के जरिए चरमपंथ भड़काने के मामलों में 2016 से नाइक की तलाश कर रहे हैं।

सीआईडी के निदेशक हुजीर मोहम्मद ने बताया कि जाकिर दंड संहिता की धारा 504 के तहत अपना बयान देने के लिए बुकित अमन आने वाला है। यह धारा शांति भंग करने के लिए उकसाने की मंशा के साथ जानबूझकर अपमान करने से जुड़ी हुई है।

विवादित टिप्पणी करने का आरोप-

खबर में बताया गया कि 53 वर्षीय उपदेशक ने पहली बार 16 अगस्त को अपना बयान दर्ज कराया था। वह मुस्लिम बहुल मलेशिया का स्थायी निवासी है।

नाइक पर मलेशियाई हिंदुओं एवं मलेशियाई चीनियों के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप है जिसके बाद से उसे भारत वापस भेजे जाने की आवाजें उठने लगी हैं।

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