मैनपुरी उपचुनाव: डिंपल के खिलाफ BJP प्रत्याशी की पहली प्रतिक्रिया, जानें शिवपाल के करीबी रघुराज सिंह शाक्य के बारे में
लंबे इंतजार के बाद आखिरकार बीजेपी ने मंगलवार को मैनपुरी उपचुनाव के लिए अपने प्रत्याशी के नाम की घोषणा कर दी है. मैनपुरी लोकसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य समाजवादी पार्टी से प्रत्याशी डिंपल यादव के खिलाफ चुनावी मैदान पर उतरेंगे. बीते दिन डिंपल ने मैनपुरी कलेक्ट्रेट पर अपना नामांकन पत्र दाखिल कर दिया है. अब रघुराज शाक्य भी अपना नामांकन दाखिल करेंगे. बीजेपी प्रत्याशी घोषित होने के बाद रघुराज सिंह शाक्य की पहली प्रतिक्रिया आई है.
बीजेपी प्रत्याशी रघुराज सिंह शाक्य ने कहा
‘पार्टी ने मुझे बहुत बड़ी जिम्मेदारी दी है. मैं पीएम नरेंद्र मोदी, सीएम योगी आदित्यनाथ और पार्टी को धन्यवाद करता हूं. देश की जनता परिवर्तन करने का काम करेगी. मैनपुरी की जनता बदलाव के लिए तैयार है. यहां भी जनता राम राज्य की स्थापना करने का काम करेगी. राज्य में सुशासन की सरकार है. आजमगढ़, रामपुर और गोला उपचुनाव में ये साबित हो गया है. बीजेपी यहां चुनाव जीतने का काम करेगी. राजा और महाराजाओं का राज अब खत्म होगा. हम राज्य में वर्षों तक रहे गुंडा राज्य की बात को उठाएंगे.’
जानें कौन हैं रघुराज सिंह शाक्य…
रघुराज सिंह शाक्य इटावा जिले के रहने वाले हैं. 53 वर्षीय रघुराज शाक्य को शिवपाल सिंह यादव का करीबी माना जाता है. यूपी चुनाव 2022 से ठीक पहले प्रसपा छोड़कर शाक्य ने बीजेपी का दामन थाम लिया था. शाक्य इटावा सीट से दो बार सांसद रहे हैं. उन्होंने यूपी चुनाव से पहले डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की मौजूदगी में फरवरी, 2022 में बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की थी.
वे प्रगतिशील समाज पार्टी (लोहिया) के प्रदेश उपाध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं. रघुराज शाक्य वर्ष 1999 और 2004 में समाजवादी पार्टी के टिकट पर इटावा से सांसद चुने गए. वर्ष 2012 में सपा के टिकट पर इटावा सदर सीट से विधानसभा का चुनाव जीता था. यूपी चुनाव 2022 में इटावा सदर सीट से उम्मीदवारी कर रहे थे, लेकिन उन्हें चुनावी मैदान में नहीं उतारा गया.
इस वजह से थे नाराज…
सपा और प्रसपा के गठबंधन के बाद अखिलेश यादव ने केवल शिवपाल सिंह यादव को चुनावी मैदान में उतारा था. इस कारण रघुराज शाक्य ने अपनी राह अलग कर ली थी. इस सीट से सपा ने सर्वेश शाक्य को चुनावी मैदान में उतार दिया. रघुराज शाक्य ने 27 जनवरी, 2017 को सपा से इस्तीफा दे दिया. रघुराज शाक्य ने तब परिवार की लड़ाई में खुद को अपमानित करने का आरोप सीधे सपा संस्थापक मुलायम सिंह यादव पर लगा दिया था.
इसके बाद वे शिवपाल सिंह यादव के साथ जुड़ गए और 5 वर्ष उनके साथ रहे. उन्होंने प्रसपा को मजबूत बनाने का प्रयास भी किया. हालांकि, चुनाव में उन्हें इसका लाभ नहीं मिल पाया.