100 साल में पहली बार, लखनऊ चुनेगा पहली महिला मेयर प्रत्याशी
उत्तर प्रदेश में निकाय चुनाव के दूसरे चरण के लिए आज 25 जिलों के कुल 189 निकायों में वोटिंग हो रही है। इस फेज में 6 नगर निगम लखनऊ, अलीगढ़, इलाहाबाद, वाराणसी, गाजियाबाद और पहली बार नगर निगम बना मथुरा भी शामिल है। इसके अलावा 51 नगरपालिका और 132 नगर पंचायतों के लिए वोटिंग हो रही है। इस चरण में कुल 1.29 करोड़ वोटर 24 हजार 622 उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला करेंगे।
इन जिलों में होगी वोटिंग
लखनऊ, मुजफ्फरनगर, गाजियाबाद, गौतमबुद्धनगर, अमरोहा, रामपुर, पीलीभीत, शाहजहांपुर, अलीगढ़, मथुरा, मैनपुरी, फर्रुखाबाद, इटावा, ललितपुर, बांदा, इलाहाबाद, सुल्तानपुर, अम्बेडकरनगर, बहराइच, श्रावस्ती, संतकबीरनगर, देवरिया, बलिया, वाराणसी, भदोही।
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100 साल में लखनऊ में बनेगी पहली महिला मेयर
लखनऊ में पिछले 100 साल में पहली बार कोई महिला मेयर चुनी जाएगी, जो एक इतिहास बनेगा। पहली बार यहां मेयर की सीट महिला के लिए रिजर्व की गई है। जानकारी के मुताबिक 1916 में म्यूनिसिपल कॉर्पोरेशन एक्ट बनाया गया था और 1917 में महापौर का पहला चुनाव हुआ था।
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इन टॉप लीडर्स की साख दांव पर
निकाय चुनाव के दूसरे चरण में भी कई बड़े नेताओं की साख दांव पर होगी। इनमें पीएम मोदी से लेकर गृहमंत्री राजनाथ सिंह, पूर्व सीएम अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव जैसे दिग्गज शामिल हैं। वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है। यहां से लाखों वोटों से जीत कर नरेंद्र मोदी सांसद चुने गए थे। यहां दूसरे चरण में नगर निगम की एक सीट के लिए मतदान होना है। पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के कारण यह सीट जीतना बीजेपी के लिए साख की बात बन गई है वहीं, पीएम मोदी की प्रतिष्ठा भी इसे लेकर दांव पर है। वही लखनऊ से गृहमंत्री राजनाथ सिंह सांसद हैं। ऐसे में यहां उनकी साख दांव पर है। 20 साल से ज्यादा वक्त से राजधानी के मेयर की सीट पर बीजेपी का कब्जा है। ऐसे में यह सिलसिला बनाए रखने की जिम्मेदारी अब बीजेपी के दिग्गजों पर आ गई है।
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जानिए किस जिले से कौन उम्मीदवार
रामपुर सीट से सपा के दिग्गज नेता आजम खान का गढ़ माना जाता है। दूसरी ओर बीजेपी के केन्द्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी भी इसे अपना गढ़ मानते हैं। ऐसे में इन दो दिग्गजों पर रामपुर की नगर पालिका सीट जीतने का दबाव है। इटावा और मैनपुरी सीट से इटावा और मैनपुरी सपा परिवार का गढ़ माना जाता है। राजनीति में यहां समाजवादी परिवार का काफी दबदबा रहता है। ऐसे में यहां की नगर पालिका परिषद पूर्व सीएम अखिलेश यादव और उनके पिता मुलायम सिंह यादव के लिए साख का सवाल है।अलीगढ़ सीट यूपी के पूर्व सीएम कल्याण सिंह और उनके बेटे संदीप सिंह की साख दांव पर होगी। कल्याण सिंह अभी राजस्थान के गवर्नर और उनके बेटे संदीप सिंह योगी सरकार में मंत्री हैं। अलीगढ़ कल्याण सिंह का गृह जिला है।
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जानिए पूर्व के क्षेत्र से कौन उम्मीदवार
सुल्तानपुर सीट से पिछले कई महीनों से सुल्तानपुर से बीजेपी सांसद वरुण गांधी की पार्टी से नाराजगी की खबरें सामने आती रही हैं। हालांकि, कई बार वरुण गांधी और बीजेपी संगठन इसे नकार चुका है। इसके बावजूद यहां की नगरपालिका सीट जीतना बीजेपी और खुद वरुण गांधी के लिए साख की बात बन गई है। इलाहाबाद क्षेत्र से मेयर कैंडिडेट का चुनाव भी काफी अहम है। यहां से बीजेपी के मंत्री नंदगोपाल गुप्ता ‘नंदी’ की पत्नी अभिलाषा गुप्ता चुनाव मैदान में हैं। अभिलाषा वहां की मौजूदा मेयर भी हैं। इलाहाबाद बीजेपी के स्पोक्सपर्सन और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह का भी गृह जिला है। ऐसे में यहां भी बीजेपी को जीत दिलाना इन दिग्गज नेताओं के लिए चुनौती होगी। बहराइच जिले से पिछले आंकड़ों पर गौर करें तो यहां निकाय चुनावों में ज्यादातर समाजवादी पार्टी और बीएसपी ही हावी रही है, लेकिन इस वक्त सूबे में बीजेपी की सरकार है और यहां की स्थानीय विधायक अनुपमा जायसवाल प्रदेश सरकार में मंत्री हैं। ऐसे में निकाय चुनाव में दोनों पार्टियों का तिलिस्म तोड़ बीजेपी को जीत दिलाना मिनिस्टर अनुपमा के लिए चुनौती होगी। बस अब कौन किस पर कितना भारी पड़ा ये तो वोटिंग के बाद मतगढ़ना बताएगी।