Lucknow ke Raam: लखनऊ में ऐसे बना राम राम बैंक चौराहा

राम राम कहते कहते आखिर पड़ गया नाम

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Lucknow ke Raam: शहर में एक चौराहा ऐसा भी है, जो भगवान श्रीराम के नाम पर है .इसका नाम है राम राम बैंक चौराहा. अलीगंज के पुरनिया से इंजिनियरिंग कॉलेज जाने वाले रोड पर बने इस चौराहे का कभी कोई औपचारिक नामकरण नहीं किया गया था. इस चौराहे से कुछ दूर पर रहने वाले लवलेश तिवारी राम नाम बैंक चलाते हैं, दूर दूर से लोग राम नाम लिखकर उनके घर जमा करने आते है. ऐसे ही लोगों के कहते -कहते इस चौराहें का नाम राम राम बैंक चौराहा पड़ गया.

ऐसे शुरू हुआ राम राम बैंक?

मौजूदा समय में राम राम बैंक चौराहा पर गाढे भूरे रंग की टाइल्स का चबूतरा बना हैं. इस पर सुहरे अक्षरों से श्रीराम रक्षा स्त्रोत के कुछ श्लोक और श्रीरामचरितमानस की चौपाइयां लिखी हैं. इस चौराहे के पास ही गली में लवलेश तिवारी 1985 से राम नाम बैंक चला रहे हैं. इसको लेकर लवलेश बताते हैं कि, उनका परिवार शुरू से धार्मिक रहा है. वे सीतापुर के बिसवां के रहेने वाले है, बचपन से ही वे किसी न किसी कागज पर राम राम लिखा करते थे.साल 1986 में अयोध्या के वशिष्ठ कुंड के महंत राममंगल दास से गुरू दीक्षा लेने के बाद ही लवलेश को राम राम लिखने की प्रेरणा मिली और फिर उन्होने राम राम लिखने का क्रम विधिवत शुरू कर किया और दूसरों को भी इस काम को करने के लिए प्रेरित करने लगे.

कैसे पड़ा राम राम बैंक चौराहे का नाम ?

लवलेश बताते है कि, पहले लोग किसी भी कागज पर राम राम लिख कर दिया करते थे और फिर उनके पास वो कागज जमा कर देते थे. इसी बीच पाण्डेयगंज के गल्ला मंडी व्यवसायी राजेंद्र प्रसाद गोयल से मुलाकात हुई. उन्होने राम राम लिखने की कॉपी और पत्रक मुहैया करवाने का जिम्मा ले लिया. इसके बाद लोग पत्रक और कॉपियां ले जाने लगे और राम नाम लिखकर जमा करने लगे. ऐसे लोग कहीं से भी यहां आते तो ऑटो वाले को राम राम बोंक चौराहा चलने को बोलते थे. समय गुजरने के साथ ही राम राम बैंक चौराहा इसी नाम से जाना जाने लगा और अब लिखित तौर पर इस चौराहे का नाम राम राम बैंक चौराहा पड़ गया है.

कहां जाती है राम राम बैंक की कॉपियां ?

राम राम बैंक चलाने वाले लवकेश की पत्नी तपेश्वरी तिवारी बताती है कि, कॉपी में 23,530 बार और पत्रक में 1100 बार राम राम लिखना होता है. ये कॉपियां और पत्रक अयोध्या में संत नृत्य गोपाल दास जी के श्रीसीताराम मंदिर में बने संग्रहालय में जमा करवा दी जाती है.दूसरे शहर से कोई चिट्ठी पर सिर्फ राम राम बैंक लिखकर भेज देता है तो चिट्ठी हमारे घर आ जाती है.

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कब बनवाया गया राम राम बैंक का चबूतरा

लवकेश बताते है कि, राम राम बैंक चौराहे पर पूर्व महापौर बनवाया गया और उस पर मानस की चौपाई और रामरक्षा स्त्रोत के श्लोक लिखने गए है. अब यह चौराहे पर श्रीराम की मूर्ति लगाई जाने की बात भी चल रहा है. उन्होने ने यह भी बताया है कि, उन्होने राम मंदिर आंदोलन में भी कारसेवक के तौर पर हिस्सा लिया था.उस दौरान अस्थायी जेल में भी उन्हें बंद किया गया था. राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव के लिए उन्हें भी आमंत्रित किया गया है.

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