एल्विश यादव की फिर बढी मुश्किलें, नोएडा पुलिस ने दर्ज किया मनी लांड्रिग केस

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बिग बॉस विजेता और यूट्यूबर एल्विश यादव की मुश्किलें बढती ही जा रही है, ऐसे में एक बार फिर वे ईडी के शिकंजे में आ फंसे है. दरअसल, ईडी ने रेव पार्टी में सांप का जहर सप्लाई करने के मामले में उनको आड़े हाथ लिया है और उनके खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत लखनऊ में मामला दर्ज किया है. इसके साथ ही ईडी ने हेडक्वार्टर से निर्देश मिलने के पश्चात लखनऊ जोनल ऑफिस द्वारा इस मामले की पड़ताल शुरू कर दी गयी है.

इसको लेकर जल्द ही एल्विश यादव को समन भेजा जाएगा, यह समन उनसे पूछताछ को लेकर भेजा जाएगा. इस दौरान ईडी एल्विश यादव से पार्टियों के संचालकों के विषय में जानकारी हासिल करने का प्रयास करेगी, साथ ही एल्विश के पास लग्जरी कारों के काफिले की भी पूछताछ की जाएगी. आपको बता दें कि, इस मामले में नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव को 17 मार्च को गिरफ्तार किया था, इस पूरे मामले में एनसीआर के बड़े होटलों, फार्म हाउसों और रेव पार्टियों में सांपों का ज़हर का मामला सामने आया था.

एल्विश के खिलाफ नोएडा में दर्ज हुई एफआईआर

बीजेपी सांसद मेनका गांधी की संस्था पीपुल्स फॉर एनिमल्स के गौरव गुप्ता ने नोएडा के सेक्टर 49 में शिकायत दर्ज करवाई थी, जिसपर कार्रवाई करते हुए नोएडा पुलिस ने एल्विश यादव सहित पांच अन्य लोगों पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम की कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया था. पुलिस ने मामले में पांच लोगों को गिरफ्तार किया था. एल्विश यादव पर आरोप लगाया गया है कि, वह सांपों का वीडियो बनाते हैं और अपने गैंग के अन्य सदस्यों के साथ गैरकानूनी रेव पार्टी करते हैं.

रेव पार्टी मामले में 6 की हुई थी गिरफ्तारी

पुलिस ने मामले की जांच करने के बाद एल्विश से मुखबिर के माध्यम से संपर्क किया और एल्विश ने इस पर एजेंट राहुल का नंबर दिया था. जब राहुल को एल्विश का रिफ्रेंस देकर बात की गयी तो वह पार्टी के लिए तैयार हो गया. राहुल ने 2 नवंबर को अपने दो साथियों को सेवरोन बैंक्वेट हॉल, सेक्टर 51 में बुलाया था. इसके बाद राहुल अपने साथियों के साथ वहां पहुंचा और सांप दिखाए थे, जिसके बाद उन सभी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया.

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एल्विश ने आरोपों का किया खंडन

वही, इस मामले के आरोपी यूट्यूबर एल्विश यादव ने अपने पर लगाए जा रहे सभी आरोपों का खंडन किया है, लेकिन पुलिस की पड़ताल में संलिप्तता होने पर उन्हे 17 मार्च को गिरफ्तार कर लिया गया था, हालांकि, कुछ ही दिन बाद वे जमानत पर बाहर आ गए थे.

 

 

 

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