Loksabha 2024: सियासी गलियारों में अमेठी और राहुल गांधी …

बीजेपी की स्मृति ईरानी ने 2019 में ढहाया था कांग्रेस का किला

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देश में लोकसभा चुनाव के बीच पीएम मोदी के तीसरी बार सत्ता में लौटने और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी के अमेठी से चुनाव लड़ने को लेकर राजनीतिक गलियारों में बहस जारी है. इसकी वजह भी है कि एक ओर भाजपा तीसरी बार सत्ता में लौटने के दावे कर रही है और अमेठी कांग्रेस का पुराना किला रहा है. अमेठी से राहुल गांधी के चुनाव लड़ने को लेकर कई तरह के कयास हैं, लेकिन 2019 लोकसभा चुनाव के दौरान बीजेपी की स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को 55 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया था.

वायनाड से दोबारा चुनाव लड़ रहे राहुल

बता दें कि राहुल गांधी वायनाड से दोबारा चुनाव लड़ रहे है. राहुल 2019 में यहां से चुनाव जीतकर सांसद बने थे. जबकि अमेठी में स्मृति ईरानी ने इन्हे 55 हजार से अधिक वोटों से हरा दिया था. 2019 में राहुल गांधी अमेठी के साथ वायनाड से भी चुनाव लड़े थे.

अमेठी को लेकर फैसला कब?

अभी तक बात हुई वायनाड की लेकिन अब बात करते हैं अमेठी जहां से वर्ष 2019 में हार के बाद राहुल को वायनाड जाना पड़ा था. पहले चरण का मतदान 19 अप्रैल हो होना है, लेकिन अभी तक अमेठी को लेकर फैसला नहीं हुआ है. और न ही पार्टी ने कोई उम्मीदवार घोषित किया है. सूत्रों की मानें तो पार्टी यहां अंतिम समय में फैसला ले सकती है.

दूसरे चरण के बाद हो सकता है राहुल के नाम का एलान

कहा जा रहा है कि अमेठी से राहुल गांधी के नाम का एलान दूसरे चरण के बाद फाइनल हो सकता है. लेकिन पार्टी अभी तक इसका भी फैसला नहीं ले पाई है. यह भी कहा जा रहा है कि पार्टी ने अमेठी से चुनाव लड़ने का फैसला राहुल पर ही छोड़ रखा है कि वह चुनाव लड़ेंगें या नहीं.

कांग्रेस का गढ़ है अमेठी

अमेठी कांग्रेस या गांधी परिवार का गढ़ मानी जाती रही है. लेकिन इसके इतिहास पर नजर डालना जरूरी है. अमेठी आजादी से पहले ही चर्चा में रही है, क्योंकि पहले इसे सुल्तानपुर दक्षिण नाम से जाना जाता था. इसके बाद 1957 में मुसाफिर खाना सीट का हिस्सा बनी थी. इस सीट पर कांग्रेस 16 बार जीत चुकी है, चाहे वह लोकसभा हो या विधानसभा. लोकसभा की बात करें तो 1980 में इंदिरा गांधी के बेटे संजय गांधी यहां से चुनाव जीते थे. लेकिन 23 जून को उनकी मौत के बाद यहां राजीव गांधी जीते और तब से लेकर 2019 तक यह सीट कांग्रेस के कब्जे में रही.

अमेठी में 2004 में हुई राहुल की एंट्री

बता दें कि अमेठी लोकसभा में राहुल की एंट्री 2004 में हुई थी. राहुल ने अपना पहला चुनाव अमेठी से लड़ा था और जनता ने उन्हें चुनकर 33 साल की उम्र में संसद भेजा था. तब राहुल गांधी ने बीएसपी के चंद्र प्रकाश मिश्रा को हराया था.

2009 में हुई थी बड़ी जीत

इतना ही नहीं राहुल गांधी ने 2009 लोकसभा चुनाव में अमेठी से बड़ी जीत हासिल की थी. इस दौरान राहुल गांधी ने बसपा के आशीष शुक्ल को करीब 3 लाख 70 हजार से अधिक वोटों से हराया था.

2014 से दरका कांग्रेस का गढ़

अगर साल 2014 लोकसभा चुनाव की बात करें तो राहुल गांधी और स्मृति के बीच वोटों का अंतर कम हो गया था. यही वजह थी कि पार्टी ने ईरानी को राहुल के खिलाफ लगातार मैदान में उतारा. 2014 के चुनाव में ईरानी और राहुल में करीब 1 लाख वोटों का अंतर था.

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स्मृति ने रचा था 2019 में इतिहास

2019 लोकसभा चुनाव में राहुल को अमेठी से हराने के बाद स्मृति ईरानी ने इतिहास रचा था. इस चुनाव में स्मृति ईरानी ने राहुल को 55 हजार वोटों से हराया था और यदि देश में पिछले 5 लोकसभा चुनाव के नतीजों को अमेठी में देखा जाए तो धीरे- धीरे कांग्रेस को नुकसान उठाना पड़ा है.

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