LokSabha Elections 2024: बदलते समीकरण से पूर्वांचल में चुनावी महासमर होगा रोमांचक
लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सियासी बिसात पर सभी दल बैठाने लगे गोटी
LokSabha Elections 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद सियासी बिसात पर सभी दल अपनी गोटी बैठाने लगे हैं. सभी अपने हिसाब से राजनीतिक भूमिकाएं भी तैयार कर रहे हैं. उत्तरप्रदेश में राजनीतिक दल अभी अपने पूरे पत्ते नहीं खाेले हैं. विभिन्न दलों में अंदर – बाहर यानी दल बदल का खेल भी चल रहा है. ऐसे में चुनावी समीकरण भी बन बिगड़ रहे हैं. इसके चलते पूर्वांचल में चुनाव रोमांचक होने के आसार हैं. कोई दल जमीनी तो कोई सामाजिक समीकरण साधने में लगा हुआ है.
सता रहा टिकट कटने और क्षेत्र में फेरबदल का भय
लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में उत्तरप्रदेश की 51 सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित कर चुकी भाजपा की दूसरी लिस्ट से यदि उत्तर प्रदेश गायब था तो इसके पीछे कई कयास लगाए जा रहे हैं. माना जा रहा है कि भाजपा बची हुई सीटों के लिए प्रत्याशी घोषित करते हुए कई सांसदों के टिकट काट सकती है. ऐसे में कई सांसदों को टिकट कटने या क्षेत्र में बदलाव का भय भी सता रहा है.
पूर्वांचल की सीटों पर देखें तो फूलपुर, सुल्तानपुर, इलाहाबाद, मछलीशहर,भदोही, देवरिया, बलिया और गाजीपुर की सीटों पर अभी प्रत्याशी घोषित करना बाकी है. गाजीपुर की सीट पर चुनाव रोमांचक होगा, क्योंकि सपा ने अफजाल अंसारी को टिकट दिया है. अफजाल सीटिंग सांसद भी हैं. उनके मुकाबले भाजपा की ओर से कुछ नाम सामने आ रहे हैं. उसमें मनोज सिन्हा, उनके पुत्र अभिनव सिन्हा, विजय मिश्रा और बृजेश सिंह मुख्य रूप से हैं. बनारस की सीट पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने अब तक किसी भी दलने अपने प्रत्याशी की घोषणा नहीं की है. मीजापुर में संसदीय क्षेत्र में भाजपा व अपनादल गठबंधन ने 2014 और 2019 में जीत हासिल की थी.
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बसपा बिगाड़ सकती है सपा कांग्रेस का खेल
पूर्वांचल में बसपा के एकला चलो के सिद्धांत के चलते सपा व कांग्रेस का खेल बिगड़ सकता है. सपा के 41 प्रत्याशियों की सूची जारी होने के बाद भी कांग्रेस अभी भी हाथ पर हाथ धरे बैठी है. हालांकि उसने भदोही की सीट ममता बनर्जी की पार्टी टीएमसी के लिए छोड दी है. इस सीट पर टीएमसी के ललितेश त्रिपाठी जोर आजमाइश करते दिखाई देंगे. जौनपुर संसदीय सीट के लिए भाजपा ने जहां कृपा शंकर सिंह पर भरोसा जताया है वहीं पूर्व सांसद धनंजय सिंह के जेल जाने के बाद समीकरण बदला है. चर्चा है कि धनंजय सिंह की पत्नी पर विपक्ष अपना दांव खेल सकता है.