बाबरी विध्वंस : आडवाणी समेत इन लोगों पर आरोप तय करने के आदेश
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की एक विशेष अदालत ने बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेताओं -लाल कृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती तथा नौ अन्य के खिलाफ आरोप तय करने के आदेश मंगलवार को दिए। आरोप आपराधिक साजिश के लिए भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 120 बी के तहत तय किए जाएंगे।
इससे पहले, सभी 12 आरोपियों ने खुद को बेकसूर बताया और अपने खिलाफ लगे आरोपों को खारिज करने के लिए अदालत में एक अर्जी दाखिल की। विशेष न्यायाधीश एस.के.यादव ने याचिका खारिज करते हुए सभी 12 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय करने का आदेश दिया।
निजी मुचलके पर मिली जमानत
सीबीआई की विशेष अदालत ने मंगलवार को बाबरी मस्जिद विध्वंस मामले में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ नेता-लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और अन्य दस लोगों को जमानत दे दी। गौरतलब है कि अदालत अयोध्या में विवादित ढांचा ढहाए जाने से जुड़े दो अलग-अलग मामलों की सुनवाई कर रही है।
सर्वोच्च न्यायालय ने 19 अप्रैल को निर्देश में कहा था कि आडवाणी (89), जोशी (83) और उमा (58) के अलावा बाकी सभी आरोपियों पर बाबरी ढांचा ढहाए जाने के मामले में आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा चलेगा। न्यायालय ने मामले की सुनवाई रोजाना कराने और दो साल में सुनवाई समाप्त करने का निर्देश दिया है।
पेशी के लिए लखनऊ आए सभी नेता
बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और केंद्रीय मंत्री उमा भारती आज यानी मंगलवार को सीबीआई की विशेष अदालत में पेश होंगे। पेशी के लिए लालकृष्ण आडवाणी, उमा भारती और मुरली मनोहर जोशी लखनऊ पहुंचे हैं। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस के यादव ने विनय कटियार, विहिप नेता विष्णु हरि डालमिया और साध्वी ऋतंभरा से भी कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है।
वहीं इस मामले में केंद्रीय मंत्री वेंकैया नायडू ने कहा है कि सभी लोगों पर लगे आरोप से मुक्त होंगे। कोर्ट में पेश होने से पहले यूपी के सीएम आदित्यनाथ ने सभी नेताओं से मुलाकात की है। मालूम हो कि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, साध्वी ऋतंभरा, विनय कटियार, विष्णु हरि डालमिया की पैरवी विमल कुमार श्रीवास्तव करेंगे। बाबरी विध्वंस मामले में 12 लोगों के खिलाफ आरोप तय होने हैं, इनपर लोगों को भड़काने और साजिश रचने के आरोप लगे हुए हैं।
बाबरी विध्वंस मामले में कब क्या हुआ?
सुप्रीम कोर्ट ने 19 अप्रैल को निर्देश दिया था कि आडवाणी (89), जोशी (83) और उमा (58) के अलावा बाकी सभी आरोपियों पर बाबरी ढांचा ढहाए जाने के मामले में आपराधिक षड्यंत्र का मुकदमा चलेगा। कोर्ट ने मामले की सुनवाई रोजाना कराने और दो साल में सुनवाई समाप्त करने का निर्देश दिया है।
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उच्चतम न्यायालय ने कहा था कि बीजेपी नेता कल्याण सिंह जब तक राज्यपाल के पद पर हैं, उनके खिलाफ मुकदमा नहीं चल सकता। राजस्थान के राज्यपाल कल्याण सिंह जब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, उसी समय ढांचा ढहाया गया था।
रायबरेली कोर्ट से मामला लखनऊ स्थानांतरित हुआ
कोर्ट ने रायबरेली की अदालत में आडवाणी, जोशी, उमा और तीन अन्य आरोपियों पर चल रहे मुकदमे को लखनऊ स्थानांतरित करने का आदेश दिया, ताकि ढांचा ढहाए जाने के मामलों की एक साथ सुनवाई हो सके।
विध्वंस को लेकर दो मामले दर्ज हुए
बाबरी विध्वंस को लेकर दो मामले दर्ज किए गए थे। एक बाबरी मस्जिद को गिराने वाले आरोप कारसेवकों पर चल रहा था और दूसरा मामला लोगों को उकसाने और साजिश रचने के लिए दर्ज किया गया, जिसमें आडवाणी समेत 13 लोग के नाम शामिल थे। साल 2001 में सीबीआई की कोर्ट ने उनके खिलाफ साजिश का मामला खारिज कर दिया था।
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