पैर की कमी को नहीं आने दिया आड़े, खड़ी कर दी करोड़ों की कंपनी

0

कहते हैं अगर हौंसलों में उड़ान हो तो कोई भी जंग जीती जा सकती है। चाहे वो करियर से डुड़ी हो या फिर जिंदगी की लड़ाई हो कुछ भी संभव है आपके जूनून और जज्बे से। कुध ऐसा ही कारनाम कर दिखाया दिव्यागं कल्पेश ने। कल्पेश ने सफलता की वो मिसाल युवाओं के सामने पेश की जो शायद एक बार सुनने और करने में अटपटा लगता है।

लेकिन कल्पेश ने अपने हौंसले और दृढ़ इच्छाशक्ति के दम पर एक इतिहास रच दिया। बता दें कि कल्पेश जब महज 5 महीने की उम्रं में ही उन्होंने चलने की क्षमता खो दी थी। और कई महीनों तक बिस्तर सर ही पड़े रहे। लेकिन धीरे-धीरे हालातों में बदलाव आए औऱ सल्पेश बड़े हो गए। घर की गरीबी की वजह से कल्पेश ज्यादा पढ़ भी नहीं सके सिर्फ 11वीं तक ही शिक्षा प्राप्त की।

कल्पेश के पिता एक छोटा सा बिजनेस चलाते थे। कल्पेश ने अपने पिता के बिजनेस में हाथ बटाने लगे। लेकिन तभी अचानक से उनके परिवार पर मुसीबतों का  पहाड़ टूट पड़ा और उनके पिता इस दुनिया से चल बसे। बड़ा बेटा होने ते नाते घर की सारी जिम्मेदारियां उन पर ही आ गई।

Also read : क्विक हील एंटी-वायरस के मालिक की ऐसी है कहानी, जानें कैसे बने 2 हजार करोड़ के मालिक

कल्पेश ने किसी तरह से घर को संभाला और पिता के बिजनेस को ही आगे बढ़ाने की सोची। कुछ दिन तक तो बिजनेस चलाते रहे और दिमाग मेम कुछ और करने की चाहत रखते हुए कल्पेश ने हीरे का प्यापार करने की सोची। कल्पेश ने एक छोटे से स्तर से बिजनेस की  शुरुआत की। और आज देखते ही देखते बिजनेस का सालाना टर्नओवर करोड़ो में होने लगा है।

आज कल्पेश के जीवन में वो सभी सुख-सुविधाएं मौजूद हैं जिनके अबाव में उनका खुद का बचपन बीता था। कल्पेश के दो बच्चे हैं। कल्पेश आज दिव्यांगों के लिए कई सामाजिक संगठनों के साथ मिलकर काम भी करते हैं।

Leave A Reply

This website uses cookies to improve your experience. We'll assume you're ok with this, but you can opt-out if you wish. AcceptRead More