सीरियल ब्लास्ट केस में दो आतंकवादियों को उम्रकैद, टुंडा बरी

इरफान और हमीदुद्दीन को उम्रकैद की सजा

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अजमेर: अजमेर की टाडा कोर्ट ने 1993 में पांच शहरों में हुए सीरियल ब्लास्ट केस में आरोपित अब्दुल करीम टुंडा (80) को बरी कर दिया है. जबकि कोर्ट ने अपने आदेश में दो आतंकवादियों इरफान (70) और हमीदुद्दीन (44) को उम्रकैद की सजा सुनाई है. टुंडा फिलहाल अजमेर जेल में बंद है.

अयोध्या में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद 1993 में कोटा, लखनऊ, कानपुर, हैदराबाद, सूरत और मुंबई की ट्रेनों में सीरियल बम ब्लास्ट हुए थे और टुंडा इन्हीं मामलों में आरोपित था. सरकारी वकील से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि टुंडा को किस आधार पर बरी किया गया है, इस पर फैसला देखने के बाद टिप्पणी की जाएगी.

11 साल से जेल में है बंद-

बता दें कि टुंडा को इन ब्लास्ट का मास्टरमाइंड माना जाता था. इसलिए इसको 2013 में नेपाल बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया था. टुंडा के खिलाफ आतंकवाद के मामले देश के कई जगहों पर चल रहे हैं. कहा जा रहा है कि उसने भारत में युवाओं को आतंकवाद की ट्रेनिंग दी थी. एक पाकिस्तानी नागरिक जुनैद के साथ उसने कथित रूप से 1998 में गणेश उत्सव के दौरान आतंकवादी हमला करने की योजना बनाई थी.

जाने कौन है टुंडा …

आपको बता दें कि टुंडा का पूरा नाम अब्दुल करीम है. दरअसल, 1986 में एक बम बनाने के दौरान हुए विस्फोट में अब्दुल करीम ने अपना बायां हाथ खो दिया था. उसके बाद से अब्दुल करीम को अपंग यानी टुंडा के नाम से जाने जाना लगा.

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कई बार मरा टुंडा

देश में कई बार टुंडा के मरने की खबरे सामने आई. साल 2000 से 2005 तक कई बार ऐसी खबरें आई जिसमें उसके मारे जाने की बात कही गई. हालांकि, 2005 में अब्दुल रजाक मसूद के पकड़े जाने के बाद ये खुलासा हुआ कि टुंडा जिंदा है.

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