400 सालों से नशामुक्त है ये गांव…

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आज के इस चकाचौंध और आधुनिकता के दौर में अगर आप से कोई पूछे कि इस समाज में कितने ऐसे लोग होंगे जो नशें का सेवन न करते हों। आपका जवाब यही होगा कि हो सकता है कि दो चार लोग ही सैकड़ों में मिलेंगे जो किसी भी प्रकार से नशे का सेवन न करते हों। लेकिन इस भागदौड़ भरी जिंदगी में अपने कभी सोचा है कि एक ऐसा भी गांव हो सकता है जहां के लोग पिछले करीब 400 सालों से किसी भी प्रकार से नशें का कोई सेवन नहीं किया है।

400 सालों में किसी ने नहीं किया नशे का सेवन

उत्तर प्रदेश के सहारनपुर जिले में एक मिरगपुर नाम का गांव है जहां पिछले 400 सालों से नशे के साथ-साथ ही इस गांव में कोई लहसुन-प्याज और मीट-मछली जैसी चीजों का सेवन भी नहीं किया है। इस गांव में किसी भी दुकान पर आपकों गुटखा-पान मसाला जैसे नशे का सामान नहीं मिलेगा। अगर किसी ने बेचने की कोशिश की तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाती है।

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चौपाल लगाकर करते हैं एकदूसरे से बात

नशे का सेवन लोग कभी-कभी अपना अकेलापन दूर करने के लिए भी करते हैं। लेकिन इस गांव में जब लोग काम से फुर्सत पाते हैं तो गांव में ही चौपाल लगाकर एकदूसरे से बात करते हैं और गांव की समस्याओं से जुड़ी बातों चीजों को सामने रखते हैं। सहारनपुर मुख्यालय से करीब 50 किलोमीटर दूर बसे इस गांव के ग्रामीण खाली समय बिताने के लिए हुक्का नहीं गुड़गुड़ाते बल्कि खाली समय में हंसी-मजाक करते हैं और बच्चों के साथ कोई खेल खेलकर समय बिता लेते हैं।

इसलिए नहीं करते हैं नशा

ऐसा माना जाता है कि इस गांव में करीब 400 साल पहले बाबा फकीरा नाम से एक साधु आया था। साधु ने इस गांव में तपस्या की और गांव के लोगों को नशे से दूर रहने की हिदायत दी। तबी से ये प्रथा इस गांव में चली आ रही है। गांव के लोग और आने वाली नई पीढ़ी भी इस परंपरा को जीवंत बनाए रखे हुए हैं।

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