कोरोना की दूसरी लहर के खतरे के बीच कुंभ बना कड़ी चुनौती, केंद्र के दिशानिर्देशों का होगा पालन…
1 अप्रैल से शुरू होने वाले कुंभ मेले की तैयारियों के बीच, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा है कि केंद्र द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अलावा यहां आने वाले पर श्रद्धालुओं के लिए कोई और प्रतिबंध नहीं होगा।
इस वर्ष कुंभ मेले का आयोजन 1 अप्रैल से 30 अप्रैल तक किया जा रहा है। तीन ‘शाही स्नान’ अप्रैल में किए जाएंगे। 12 और 14 अप्रैल को सभी 13 अखाड़े पवित्र डुबकी लगाएंगे, जबकि 27 अप्रैल को बैरागी अखाड़ा पवित्र डुबकी लगाएगा।
UP की मेडिकल टीम पहुंची हरिद्वार-
स्वास्थ्य व्यवस्था के अनुसार, थर्मल स्क्रीनिंग के लिए 100 टीमों का गठन किया गया है, जबकि कोविड-19 परीक्षण करने वाली टीमों की संख्या 40 से बढ़ाकर 50 कर दी गई है और एंबुलेंस की संख्या को भी 32 से बढ़ाकर 54 कर दिया गया है। उत्तर प्रदेश से 100 डॉक्टरों और 148 पैरा मेडिकल कर्मचारियों की टीम हरिद्वार पहुंच गई है।
टेंट और शौचालय बनाये जायेंगे और सभी महामण्डलेश्वरों को आवश्यक सुविधाएं भी मुहैया कराई जाएगी।
आने वाले संतों का पंजीकरण अनिवार्य-
इससे पहले, उत्तराखंड सरकार ने कुंभ में भाग लेने के लिए आने वाले संतों का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया था। श्रद्धालुओं को कुंभ में भाग लेने से 72 घंटे पहले अपना आरटी-पीसीआर टेस्ट करवाना होगा। उन्हें केवल तभी अनुमति दी जाएगी जब उनका परीक्षण नेगेटिव हो।
उत्तराखंड सरकार ने आश्रमों, धर्मशालाओं, घाटों, होटल, रेस्तरां, गेस्ट हाउस, सार्वजनिक वाहन, पार्किंग स्थल, रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन, दुकानों, आदि के लिए एसओपी जारी किए हैं।
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