दिल्ली में आज सोनिया-राहुल से कुमारस्वामी की मुलाकात

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कर्नाटक चुनाव परिणाम आने के बाद चला हाईवोल्टेज ड्रामा अब खत्म हो गया है और सूबे में जेडीएस-कांग्रेस गठबंधन की नई सरकार बनने जा रही है। 23 मई को जेडीएस नेता एचडी कुमारस्वामी सीएम पद की शपथ लेंगे। इससे पहले सोमवार को वह नई दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और यूपीए अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात करेंगे।

कांग्रेस के 20 और जेडीएस के 13 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है

माना जा रहा है कि इस दौरान कैबिनेट में संभावित मंत्रियों को लेकर चर्चा संभव है। सूत्रों के मुताबिक 33 कैबिनेट वाली इस सरकार में कांग्रेस के 20 और जेडीएस के 13 मंत्रियों को शामिल किया जा सकता है। उधर, मुख्यमंत्री के साथ-साथ वित्त और पीडब्ल्यूडी सहित अहम विभाग जेडीएस अपने पास रखने की तैयारी में है। हालांकि इस बारे में अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है। यह कयास जरूर लगाए जा रहे हैं कि राहुल से मुलाकात के बाद कैबिनेट की तस्वीर साफ हो सकती है।

शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी और सोनिया गांधी मौजूद

बता दें कि कुमारस्वामी 23 मई को शपथ लेंगे। रविवार को कुमारस्वामी ने खुद इस बात की जानकारी दी कि वह सोमवार को दिल्ली में सोनिया और राहुल गांधी से मुलाकात करेंगे। कुमारस्वामी ने कहा भी था कि शपथ ग्रहण समारोह में राहुल गांधी और सोनिया गांधी मौजूद रहेंगी। इसके साथ उन्होंने यह भी कहा है कि वह शपथ ग्रहण के बाद सिर्फ 24 घंटों के अंदर सदन में बहुमत पेश करेंगे।कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और कर्नाटक प्रभारी केसी वेणुगोपाल ने कहा, ‘कुमारस्वामी बुधवार को अकेले शपथ लेंगे। इसके बाद गुरुवार को बहुमत साबित करने के साथ ही स्पीकर का भी चुनाव होगा।’

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उधर, सूत्रों के मुताबिक लिंगायत विधायकों ने डेप्युटी सीएम की मांग कर दी है। बता दें कि कांग्रेस के कुल 78 विधायकों में 16 लिंगायत विधायक हैं जबकि जेडीएस में 4 विधायक लिंगायत समुदाय से हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस ने पहले ही डेप्युटी सीएम का पद दलित नेता को देने का निर्णय ले लिया है। माना जा रहा है कि दलित नेता परमेश्वर को कांग्रेस यह पद देने का मन बना चुकी है। हालांकि लिंगायत विधायकों के दबाव को देखते हुए कांग्रेस बीच का रास्ता निकालने की तैयारी में है।

उधर, यह बात भी सामने आ रही थी कि कर्नाटक में कांग्रेस और जेडीएस में CM पद को लेकर 30-30 महीने का कोई समझौता हुआ है। हालांकि कुमारस्वामी ने इन रिपोर्टों को सिरे से खारिज कर दिया है। कांग्रेस के साथ सत्ता साझा करने के फॉर्म्युले से संबंधित खबरों के बारे में पूछे जाने पर कुमारस्वामी ने कहा कि इस तरह की कोई बात नहीं हुई है। दरअसल, मीडिया के एक वर्ग में ऐसी खबरें थीं कि दोनों दल बारी-बारी से सरकार का नेतृत्व करने के फॉर्म्युले पर बात कर रहे हैं।

इससे पहले 2006 में बीजेपी और जेडीएस ने बारी-बारी से 20-20 महीने के लिए गठबंधन सरकार का नेतृत्व करने का समझौता किया था। इस समझौते के तहत कुमारस्वामी ने जनवरी 2006 से बीजेपी-जेडीएस गठबंधन सरकार का नेतृत्व किया था लेकिन जब सरकार का नेतृत्व करने के लिए बीजेपी की बारी आई तो कुमारस्वामी समझौते से मुकर गए और बीएस येदियुरप्पा को सत्ता सौंपने से इनकार कर दिया। आखिरकार सरकार गिर गई। इसके बाद 2008 में हुए चुनावों में बीजेपी ने अपने दम पर सरकार बनाई और येदियुरप्पा दक्षिण में बीजेपी की पहली सरकार के मुख्यमंत्री बने।

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