राष्ट्रपति चुनाव में कोविंद की दावेदारी मीरा से प्रबल

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देश के 14वें राष्ट्रपति के चुनाव की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं तथा सोमवार को होने वाले मतदान में भाजपा के नेतृत्व वाली राजग के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद की अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी मीरा कुमार के खिलाफ जीत(victory) लगभग पक्की मानी जा रही है।

निर्वाचक मंडल के कुल मतों की संख्या 10,98,903 है और राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के उम्मीदवार को 63 फीसदी से अधिक मत मिलने की संभावना है।

भारतीय जनता पार्टी के सदस्य कोविंद को कुछ क्षेत्रीय पार्टियों को छोड़कर राजग के करीब सभी घटक दलों का समर्थन प्राप्त है। वहीं मीरा कुमार को कांग्रेस सहित 17 मुख्य विपक्षी दलों का समर्थन हासिल है।

राष्ट्रपति चुनाव की दौड़ में दोनों सशक्त उम्मीदवार कोविंद और कुमार दलित समुदाय से आते हैं और चुनाव के लिए उन्होंने देशभर में घूम-घूम कर विधायकों का समर्थन हासिल करने के लिए कड़ी मेहनत की है।

सोमवार को होने वाले मतदान की सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। मतदान संसद भवन और प्रत्येक राज्य की विधानसभाओं में सुबह 10.0 बजे से शाम 5.00 बजे तक होगा।

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संसद के दोनों सदनों तथा राज्य विधानसभाओं के निर्वाचित सदस्य राष्ट्रपति चुनाव में मतदान करेंगे, जिनमें राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) और केंद्र शासित पुदुचेरी के सांसद/विधायक भी शामिल हैं।

मतों की गणना 20 जुलाई को राष्ट्रीय राजधानी में होगी और उसी दिन शाम तक परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है और नए राष्ट्रपति 25 जुलाई को पदभार ग्रहण करेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि संसद भवन के कमरा संख्या-62 में मतदान केंद्र बनाया गया है तथा सांसद जिन राज्यों से चुनकर आए हैं, उसे आवंटित मेज संख्या के अनुसार मतदान करेंगे।

अधिकारियों ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी मेज संख्या-6 पर मतदान करेंगे, क्योंकि तीनों उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व करते हैं।

उन्होंने बताया कि संसद भवन में कुल छह मेजों पर मतदान होगा। जिन विधायकों ने दिल्ली में मतदान करने का विकल्प चुना है, वे मेज संख्या-1 पर अपना मत डालेंगे।

आंकड़ों की बात की जाए तो बिहार के पूर्व राज्यपाल कोविंद की दावेदारी मजबूत नजर आ रही है, क्योंकि उन्हें जनता दल (युनाइटेड) और बीजू जनता दल (बीजद) जैसे विपक्षी दलों का भी समर्थन हासिल है।

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जद (यू) के पास निर्वाचक मंडल का कुल 1.91 फीसदी मत है, जबकि बीजद के पास 2.99 फीसदी। इसके अलावा तेलंगाना में सत्तारूढ़ तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के पास दो फीसदी, ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (एआईएडीएमके) का एक गुट (5.39 फीसदी) और वाईएसआर कांग्रेस (1.53 फीसदी) ने भी कोविंद के पक्ष में मतदान करने की घोषणा की है।

कोविंद को उम्मीदवार बनाए जाने के साथ ही विपक्षी दलों के बीच मतभेद उजागर हो गए, क्योंकि जद (यू) ने बिहार में अपने घटक दलों – कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) – के उलट जाकर कोविंद के समर्थन की घोषणा कर दी।

दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) ने विपक्ष की संयुक्त उम्मीदवार मीरा कुमार के समर्थन की घोषणा की है, लेकिन आप के वरिष्ठ नेता एच. एस. फुल्का ने किसी भी कांग्रेस उम्मीदवार का समर्थन न करने की घोषणा करते हुए खुद को राष्ट्रपति चुनाव से ही अलग कर लिया है।

राष्ट्रपति चुनाव के लिए अब तक किसी पार्टी ने व्हिप जारी नहीं किया है। विपक्ष की उम्मीदवार लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीरा कुमार ने मतदाताओं से ‘अपनी अंतरात्मा की आवाज’ सुनकर मतदान करने की अपील की है।

संसद भवन में मतदान के लिए लोकसभा के महासचिव अनूप मिश्रा को निर्वाचन अधिकारी नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति चुनाव में प्रत्येक सांसद के मतों का मूल्य 708 है, जबकि विधायकों के मतों का मूल्य उनके राज्यों की आबादी के अनुसार होगा।

अधिकारियों ने बताया कि प्रत्येक मतदान केंद्र को एक निश्चित संख्या में मतपत्र दिए गए हैं। सांसद जहां हरे रंग के मतपत्रों का इस्तेमाल करेंगे, वहीं विधायक गुलाबी रंग के मतपत्र पर मत डालेंगे। इसके अलावा मतदाता निर्वाचन आयोग द्वारा दिए गए खास पेन से ही मतदान कर सकेंगे।

2012 में पिछले राष्ट्रपति चुनाव में प्रणब मुखर्जी ने पी. ए. संगमा को मात दी थी और कुल 69 फीसदी मत हासिल करने में सफल रहे थे। अधिकारियों ने बताया कि हवाई अड्डे से मतपत्रों को सीधे संसद भवन तक ले जाने के लिए सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।

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