कोलकाता रेप एंड मर्डर केस: आठवें दिन बीएचयू वीसी आवास पहुंचे रेजिडेंट डाक्टर
सुरक्षा की मांग को लेकर पहुंचे, घंटों बाहर करते रहे इंतजार
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला रेजिडेंट की गैंगरेप एवं हत्या के बाद सुरक्षा की मांग को लेकर काशी हिंदू विश्वविद्यालय के सर सुंदरलाल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टरों का लगातार आठवें दिन हड़ताल जारी रहा. जूनियर डॉक्टर लगातार तीसरे दिन वाइसचांसलर सुधीर कुमार जैन के आवास पर सुरक्षा की मांग को लेकर पहुंचे. दो घंटे से ज्यादा समय हो जाने के बाद भी कोई वार्ता नहीं हुई. रेजिडेंटों का कहना था कि हमारी मांगें नहीं मानी जाएगी तो बड़ा आंदोलन किया जाएगा.
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काशी हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सुधीर कुमार जैन के आवास पर हड़ताल के आठवें दिन मंगलवार की शाम को बीएचयू के रेजिडेंट डॉक्टर अपनी मांगों को लेकर पहुंचे. उन्होंने मीडिया को बताया कि हम लोग कई घंटे से यहां खड़े हैं. कुलपति आवास के अंदर अधिकारियों के साथ मीटिंग चल रही थी. मीटिंग में क्या फैसला लिया गया, हम लोगों को नहीं बताया जा रहा है. हमसे ऐसा व्यवहार किया जा रहा है कि हम लोग जैसे विश्व विद्यालय के छात्र नहीं कोई और है.
आठ दिन से हो रहा विरोध प्रदर्शन, कुलपति मिलने नही आए
उन्होंने कहाकि पिछले 8 दिनों से हमलोगों का धरना-प्रदर्शन चल रहा है. हमारे मुखिया कुलपति हैं, लेकिन वह आज तक हम लोगों से एक बार भी मिलने नहीं आए न ही हम लोगों से पूछा की आप लोगों की क्या मांग है. हम लोग अपने मांग पत्र को डायरेक्टर, डीन से लेटर फॉरवर्ड कराकर वीसी से मिलनेयहां आए हैं. बताया जा रहा है कि हड़ताल को लेकर अधिकारियों की बैठकें हो रही हैं लेकिन क्या अपडेट है हम लोगों को नहीं बताया जा रहा है. इससे असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. अभी हमलोगों को पता चला कि अंदर एक मीटिंग चल रही है, लेकिन उसका निष्कर्ष क्या निकला हम लोगो को नहीं बताया जा रहा है.
पीएम से भी ज्यादा कीमती है वीसी का समय ?
रेजिडेंटों का कहना है कि पूरे देश में धरना चल रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने मामले का स्वतः संज्ञान ले लिया. घटना की सीबीआई जांच की जा रही हैं. लेकिन हमारे कुलपति का समय प्रधानमंत्री से ज्यादा कीमती है, जो हम लोगों की बात तक सुनने नहीं आ रहे है. वो एकनॉलेज एवं एड्रेसिंग नहीं करना चाहते हैं. हम लोग क्या कहना चाहते है कम से कम वो सुन तो लेते. धरनागत रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहाकि हमारी जो मांग इंस्टीट्यूट लेबल की है उस पर कार्य किया जा रहा है.यूनिवर्सिटी लेबल पर मांग पर निर्णय वीसी को लेना है. हम लोगों ने जो पत्र वीसी के पास भेजा है उस पर क्या हो रहा है पता चल पा रहा है. धारनारत रेजिडेंटों ने बताया कि वीसी लगातार हम लोग की बात नहीं सुन रहे हैं. हम लोग कोई भी अगला स्टेप उठाना नहीं चाहते हैं. हम नहीं चाहते कि इमरजेंसी सेवा भी ठप्प हो. लोगों की समस्याएं से हम अवगत हैं, लेकिन वीसी के कान में जंू नहीं रेंग रहा है. जो भी समस्याएं सामने आ रही हैं उसको लेकर प्रशासन पूरी तरह से जिम्मेदार है, क्योंकि हम लोगों की समस्याओं को कोई सुनने नहीं आ रहा है. हम लोग मजबूर हैं