जाने क्या है कान फिल्म फेस्टिवल ?
फ्रांस में एफील टॉवर से भी लोकप्रिय एक चीज है तो, वह है कान फिल्म फेस्टिवल. यहां दुनिया की बेहतरीन फिल्में व डॉयक्यूमेंट्री फिल्म्स रिलीज के बहुत पहले दिखाई जाती हैं और कहते है की यदि कान में किसी भी फिल्म का प्रदर्शन हो गया तो, यह उस फिल्म के लिए किसी पुरस्कार से काम नहीं होता है. कान फिल्म्स फेस्टिवल्स में हम भारतीय अभिनेत्रियों के रेड कॉर्पेट पर जलवे तो हम सुनते ही रहते हैं..
लेकिन यदि इस फेस्ट के बारे में बात करें तो, इसके विषय में हमारी मूल जानकारी बेहद ही कम है. इस साल 77 वें कान फिल्म फेस्टिवल का आयोजन फ्रांस में किया जा रहा है, यह 14 मई से 25 मई तक जारी रहने वाला है. इस दौरान रेड कॉर्पेट पर हम भारतीय अभिनेत्रियों के दमदार लुक की खबरें रोज ही पढ रहे हैं, जिसमें अभिनेत्री ऐश्वर्या राय बच्चन और उर्वशी रौतेला के लुक की चर्चा की जा रही है.ऐसे में आज हम आपको इस फेस्ट से जुड़ी कुछ ऐसी बातों के बारे में बताने जा रहे है जिसकी जानकारी होना जरूरी है….
कब हुई थी कान फिल्म फेस्टिवल की शुरूआत ?
1932 में सबसे पहले इटली में पहला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल शुरू किया गया था, इसका नाम था वेनिस इंटरनेशल फिल्म फेस्टिवल और उस समय इटली पर हिटलर के दोस्त मोसलीनी का शासन चलता था. उसकी सोच की चलते वेनिस फिल्म फेस्टिवल एक दुस्प्रचार का जरिया बन गया था. जिसमें वे अपनी पसंद की फिल्मों को चुनते और उन्ही को अवार्ड देते थे. यह एक चिंता का विषय बनाता चला जा रहा था.
इसी वजह से फ्रांस में एक वैकल्पिक फिल्म फेस्ट की शुरूआत करने का फैसला लिया. जिसके बाद जून 1939 में इस फेस्ट की घोषणा की गयी थी. जिसके साथ ही पहले फेस्ट का आयोजन 1 सितंबर से होना था. इसके लिए फिल्मों का चयन हो गया था और फ्रांस में फिल्म मेकर्स के आने की भी शुरूआत हो चुकी थी, लेकिन तभी हिटलर ने पोलैंड पर हमला कर दिया. जिसकी वजह से इस फेस्ट के आयोजन को रद्द करना पड़ा था. इस हमले के साथ ही दूसरा विश्व युद्ध शुरू हो गया था, जो कि 6 साल तक जारी रहा था. उसके बाद फ्रांस सरकार ने कान फिल्म फेस्टिवल को दुबारा से शुरू करने का आदेश जारी कर दिया. इसके साथ ही 20 सितंबर 1946 में पहले कान फिल्म फेस्टिवल का आयोजन किया गया. जिसमें 21 देशों की फिल्मों का प्रदर्शन किया गया था.
कान फिल्म फेस्टिवल में आखिर क्या होता है ?
यह एक प्रकार का फिल्मी मेला होता है, जिसमें अलग – अलग देशों की भाषा और शैलियों की फिल्मों व डॉक्यूमेंट्री को यहां प्रदर्शित किया जाता है. इस दौरान कई तरह से कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है. इसमें दुनिया भर से फिल्म मेकर्स, मीडिया, एक्टर और फिल्मी दुनिया से जुड़ी विभिन्न लोग यहां पहुंचते है. यहां लोग एक दूसरे से इंट्रेक्ट होने का भी काम करते हैं. वही इसके साथ ही कान फिल्म फेस्टिवल की ज्यूरी बेहतरीन फिल्मो को अवार्ड देकर सम्मानित भी करती है. बता दें कि, कान यूरोप का सबसे बड़ा और सबसे प्रतिष्टित फिल्म फेस्टिवल होता है.
इस आयोजन को कब और कितने दिनों के लिए किया जाता है ?
इस फेस्ट का नाम एक शहर कान पर रखा गया है और इसका आयोजन भी कान शहर में ही किया जाता है. इस फेस्ट का आयोजन हर साल मई माह में किया जाता है, वही आगाज और अंत को मिलकर यह फेस्ट पूरे 12 दिन तक चलता है.
भारतीय अभिनेत्रियां ही क्यों करती है फेस्ट में शिरकत ?
दरअसल, इंडियन कॉस्मेटिक ब्रांड लॉरियाल पेरिस जब से कान फिल्म फेस्टिवल का पार्ट बना है, तब से भारतीय अभिनेत्रियों का कान फिल्म फेस्टिवल में जाना शुरू हो गया है. क्योंकि लॉरियाल अपनी ब्रांड अम्ब्रेसडर्स को कान फिल्म फेस्टिवल में भेजता है. यही वजह है कि, भारत की बड़ी अभिनेत्रियां जैसे ऐश्वर्या, सोनम और कैटरीना इस फेस्ट में शिरकत करती है. साफ शब्दों में कहे तो, यह बस एक विज्ञापन का हिस्सा है.
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भारत का कान फिल्म फेस्ट क्या कनेक्शन ?
1946 में जब कान फिल्म फेस्टिवल की शुरूआत हुई थी, उस समय भारत से निर्देशक चेतन आनंद की फिल्म नीचा नगर ने न सिर्फ हिस्सा लिया था,बल्कि इस फिल्म ने अवार्ड भी हासिल किया था. उसके बाद से किसी भी फिल्म ने आज तक कान फिल्म फेस्टिवल में अवार्ड नहीं जाता है, हालांकि, हर साल भारतीय फिल्म जाती जरूर है लेकिन अवार्ड हासिल नहीं कर पायी है.
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