बेटे को जिम्मेदार नागरिक बनाना चाहते हैं पिता
नोएडा फेज-2 स्थित बाल सुधार गृह में रह रहे मां व बहन की हत्या के आरोपी किशोर को उसके पिता जिम्मेदार नागरिक बनाना चाहते हैं। इसके लिए उन्होंने बच्चे की काउंसलिंग अच्छी तरह से कराने की सिफारिश की है। उधर, बाल सुधार गृह में इस आरोपी बच्चे को उन 130 बच्चों के साथ रहना है जो अलग-असग अपराधों में यहां लाए गए हैं। इनमें से 50 बच्चे हत्या और रेप के आरोपी हैं। ऐसे में आरोपी किशोर को सही रास्ते पर लाना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। फिलहाल वह चार बच्चों के साथ रह रहा है, जिसमें 2 हत्या के आरोपी हैं।
पिता पहुंचे तो खूब रोया बच्चा
बता दें कि गौड़ सिटी-2 निवासी इस किशोर पर अपनी मां और बहन की हत्या का आरोप है। किशोर के पिता अपनी पत्नी व बेटी गंवा चुके हैं और इकलौता बेटा भी हत्या के आरोप में बाल सुधार गृह में है। रविवार को पिता उससे मिलने पहुंचे थे। इस दौरान किशोर उन्हें पकड़कर खूब रोया और उनके साथ रहने की जिद करने लगा। कानूनी बााधाओं के चलते किशोर उनके साथ नहीं जा सकता है।
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प्रोवेशन डिपार्टमेंट का कहना है कि पिता चाहते हैं कि उनका बेटा बीती बातों को भूलकर एक जिम्मेदार नागरिक बने। इसके लिए उन्होंने अच्छी तरह से काउंसलिंग करने की सिफारिश की है। जरूरत पड़ने पर बाहर से भी काउंसलरों को लाने की बात कही है।
बच्चे को रात में अकेले रखा जा रहा है
वहीं, किशोर को जिम्मेदार नागरिक बनाने में काफी चुनौतियां भी हैं। यहां बाल सुधार गृह में 130 बच्चे रह रहे हैं। इनमें चोरी, स्नैचिंग, मारपीट, रेप, अपहरण और हत्या के आरोपी शामिल हैं। करीब 50 बच्चे हत्या और रेप के आरोप में बंद हैं। किशोर को अभी 4 बच्चों के साथ रखा गया है। इनमें से 2 बच्चों पर हत्या का आरोप है। अभी परिस्थितियों को देखते हुए रात में किशोर को अकेले रखा जा रहा है। कुछ दिनों बाद उसे सभी के साथ रहना होगा। ऐसे में उन बच्चों का प्रभाव जरूर उस पर पड़ेगा।
बच्चा अब भी डिप्रेशन में है
उधर, प्रोवेशन अधिकारी निमेश मिश्रा का कहना है कि हम सभी बच्चों को सुधारने की कोशिश करते हैं। नियमित काउंसलिंग के साथ उन्हें शिक्षा की तरफ मोड़ते हैं। हालांकि, सभी को सुधारना आसान नहीं है। मां-बहन की हत्या का आरोपी किशोर अभी भी डिप्रेशन में है। उसे जिम्मेदार नागरिक बनाने में परिजनों का भी सहयोग मिलना आवश्यक होगा। उसे पुरानी बातों से पूरी तरह से दूर रखना होगा ताकि उसके मन में कभी यह बात न आए कि उसने कोई गुनाह किया था।
(साभार- एनबीटी)