किसान साइकिल मार्च : कन्याकुमारी से कश्मीर तक के किसानों की समस्याओं को जानने व समझने का एक अवसर

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किसानों का आंदोलन भले ही दिल्ली और उसके आसपास की सीमाओं पर चल रहा है, लेकिन देश के कोने कोने में किसानों की अलग अलग तरह की समस्याएं हैं, जिन्हें देश व प्रदेश की सरकारें हल करने में अब तक असफल रही हैं। इसीलिए जरूरत है कि देशभर के किसानों की समस्याओं को जानने, समझने व इसे संकलित करके देश के सामने पेश किया जाय और सरकारों पर इनको हल करने का दबाव बनाया जाय।

इसीलिए आंदोलन से जुड़े लोग और इस आंदोलन को सपोर्ट करने वाले कुछ किसानों व युवाओं ने किसान आंदोलन को एक नया रूप देने की कोशिश की है। इसके लिए किसानों ने कन्याकुमारी से कश्मीर तक के लिए साइकिल मार्च शुरू करने का संकल्प लिया है, ताकि किसानों की समस्या को कलम बंद किया जा सके और उनको संकलित करके देश के सामने रखा जा सके।

12 मार्च को साइकिल यात्रा शुरू-

Kisan Cycle March

संयुक्त किसान मोर्चा और उससे जुड़े संगठनों के कार्यकर्ताओं ने कन्याकुमारी से 12 मार्च को साइकिल यात्रा शुरू करने की तैयारी कर रखी है। यह यात्रा कन्याकुमारी से शुरू होकर केरल, तमिलनाडु, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, उड़ीसा, तेलंगाना, महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, दिल्ली, उत्तराखंड, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, पंजाब होते हुए जम्मू कश्मीर तक जाएगी।

बताया जा रहा है कि इस दौरान साइकिल यात्रा में शामिल कार्यकर्ता प्रतिदिन 50 से 60 किलोमीटर की साइकिल यात्रा तय करेंगे और किसी पड़ाव पर रुक कर वहां के किसानों के साथ गोष्ठी, बातचीत करके वहां का हाल-चाल जानने की कोशिश करेंगे।

इस साइकिल यात्रा में शामिल होने वाले कार्यकर्ताओं का कहना है कि वह यात्रा के दौरान जिन जिलों से गुजरेंगे वहां किसानों से मिलकर उनकी समस्याओं को जानने और समझने की कोशिश करेंगे ताकि दक्षिण से लेकर उत्तर तक के किसानों के साथ-साथ पूरब से लेकर पश्चिम तक के किसानों की मूलभूत समस्याओं को समझा और जाना जा सके तथा इसे संकलित करके महामहिम राष्ट्रपति, लोकसभा अध्यक्ष, राज्यसभा के स्पीकर और उन संबंधित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और राज्यपालों को भी सौंपने का कार्य किया जा सके।

हैदराबाद में साइकिल यात्रा की रणनीति पर चर्चा-

Kisan Cycle March

इस साइकिल यात्रा में किसान की हैसियत से शामिल हो रहे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय सचिव मनोज कुमार सिंह डब्लू ने संगठन के लोगों व कार्यकर्ताओं के साथ हैदराबाद में रणनीति बनाने के बाद मंगलवार को कहा किव वह एक किसान की हैसियत से इसमें शामिल रहेंगे। यह एक सराहनीय पहल है और वह सारे राज्यों में जाकर वहां के किसानों से अपना दुख दर्द साझा करने की अपील करेंगे और अपनी सुविधा के अनुसार शामिल होने आह्वान करेंगे, ताकि इस साइकिल यात्रा के मकसद को पूरा किया जा सके और किसानों के आंदोलन को मजबूती प्रदान की जा सके।

मनोज सिंह ने यह भी कहा कि हम लोगों ने 20 राज्यों से गुजरने का प्लान बनाया है। इस दौरान लगभग 8000 किमी की दूरी तय करनी है। हमारी कोशिश होगी कि हर राज्य के राजनीतिक व गैर राजनीतिक संगठनों से मुलाकात करके हर राज्य की समस्या को सुनें और यात्रा खत्म होने के बाद सबको एक साथ उठाएं।

इन संगठनों की है भागीदारी-

Kisan Cycle March

इस साइकिल यात्रा में कई संगठनों ने भागीदारी करने की सहमति दी है। क्रांतिकारी किसान यूनियन के दर्शन पाल, किसान यूनियन के नेता गुरुनाम सिंह चढ़ूनी, किसान यूनियन टिकैत के राकेश सिंह टिकैत, किसान एकता यूनियन के जोगिंदर सिंह ने इस साइकिल यात्रा को सपोर्ट करने के साथ साथ हर संभव मदद करने की बात कही है, ताकि किसानों की समस्याओं को देश के सामने लाने व उनका हल निकालने की अलख को जगाए रखा जा सके।

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