भारत में फेसबुक की पहली कर्मचारी बन रचा इतिहास

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भारत एक ऐसा देश है जहां पहले परंपराओं और समाज में फैले अंधविश्वास में पूरा समाज जकड़ा हुआ है। खासकर देश में महिलाओं को इन सब रीति-रिवाजों में कुछ ज्यादा ही बांध कर रखा गया है। शायद इसलिए आज देश में महिलाओं गके प्रति लोगों के दिलोदिमाग में एक ऐसी मानसिकता उभर कर आती है जो उन्हें कहीं न कहीं उनके प्रति ये सोचने पर मजबूर कर देती है कि ये तो महिला है ये क्या कर सकती है।

इन्हीं सब से लड़ते हुए एक भारतीय महिला ने जो कर दिखाया वो लोगों के लिए एक मिसाल बन गयी है। बता दें कि सोशल साइट्स की दुनिया में अपना वर्चस्व कायम करने वाली कंपनी फेसबुक के जरिए एक नया कीर्तिमान स्थापित करने वालीं कीर्तिगा ने वो दौर देखा है जब उन्हें पढ़ाई के लिए दर-दर की ठोकरें खाईं। एक मध्यम वर्गीय परिवार से नाता रखने वाली कीर्तिगा भारत में फेसबुक की पहली कर्मचारी के रुप में काम करने वाली महिला हैं।

वे जुलाई, 2010 में फेसबुक से जुड़ी थीं। जुलाई, 2016 तक वे फेसबुक इंडिया की हेड रहीं। कीर्तिगा ने जब पहले दिन ऑफिस गई तो उन्हें खुद ही ऑफिस का शटर खोलना पड़ा था। लेकिन धीरे-धीरे उनकी मेहनत, इमानदारी और जबरदस्त स्ट्रेटजी ने फेसबुक को भारतीयों के बीच लोकप्रिय होने में ज्यादा देर नहीं लगा। कीर्तिगा ने बाबा साहेब आंबेडकर यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनयरिंग में बैचलर्स डिग्री ली। वे यूनिवर्सिटी में दूसरे नंबर पर रही थीं।

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इसके बाद उन्होंने स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में मास्टर्स किया। कीर्तिगा ने अमेरिकी यूनिवर्सिटी से कंप्यूटर इंजीनियरिंग में एमएस भी किया है।कीर्तिगा ने 1995 में अमेरिका की जानी-मानी सिलिकॉन ग्राफिक्स कंपनी से करियर शुरू किया। वहां वे इंजीनियरिंग डिपार्टमेंट की डायरेक्टर थीं। उनके नाम कंपनी में इस पद पर काम करने वाली सबसे युवा शख्स होने का रिकॉर्ड है। इसके अलावा वे इस पोस्ट पर एकमात्र महिला थीं।

कंपनी के अन्य डायरेक्टर पुरुष थे।-अमेरिका में कीर्तिगा ने मोटोरोला कंपनी में भी काम किया। फिर 2008 में वे 14 साल अमेरिका में रहने के बाद भारत आ गईं। यहां उन्होंने यूएस बेस्ड फीनिक्स टेक्नोलॉजीज के साथ काम शुरू किया। इसी दौरान उन्हें फेसबुक से ऑफर आया। यह एक सुनहरा मौका था, इसलिए उन्होंने बिना बहुत अधिक सोच-विचार किए, हां कर दी।

इस तरह वे इंडिया में फेसबुक की पहली कर्मचारी बनीं।कीर्तिगा के पति देव अमेरिका में काम करते हैं। इस दंपती की दो बेटियां हैं। बड़ी बेटी आश्ना 14 साल की है और छोटी आरिया 11 साल की। जब आरिया का जन्म हुआ था, तो छह सप्ताह की मैटरनिटी लीव के बाद कीर्तिगा काम पर लौट आई थीं। जब कामकाज के सिलसिले में उन्हें सफर करना होता, तो वे आरिया को अपने साथ ही ले जातीं।

मीटिंग्स के बीच-बीच में वे बेटी की देखभाल भी करतीं।कीर्तिगा कहती हैं कि करियर वुमन के नाते वे Or की जगह And में यकीन रखती हैं। अक्सर कामकाजी महिला को घर-परिवार और करियर के बीच संतुलन साधने के लिए काफी जूझना पड़ता है। बहुत-सी महिलाओं को आखिरकार फैमिली और करियर में से किसी एक को चुनना पड़ता है। लेकिन कीर्तिगा फैमिली ‘या’ करियर की जगह फैमिली ‘और’ करियर में विश्वास रखती हैं।

इसके लिए वे अपने पति देव की भी शुक्रगुजार हैं, जिन्होंने पैरेंटिंग में उनका पूरा साथ दिया। वे देव को 50-50 पैरेंट कहती हैं। यानी कीर्तिगा ने बच्चियों की जितनी देखभाल की, देव ने भी उतना ही हाथ बंटाया।छह साल तक फेसबुक की कंट्री हेड रहने के बाद कीर्तिगा ने फरवरी 2016 में अमेरिका वापस जाने का निर्णय लिया।

इसके ठीक पहले फेसबुक ने बड़े जोर-शोर से इंटरनेट न्यूट्रीलिटी को लेकर अभियान चलाया था, लेकिन टेलीकॉम रेगुलेरिटी, ट्राई की ओर से उन्हें इसके लिए परमिशन नहीं मिली। इसके तुरंत बाद ही कीर्तिगा ने अमेरिका वापस जाने का एलान कर दिया था। उनकी वापसी को अभियान की विफलता से जोड़कर देख जा रहा था। अमेरिका में वे फेसबुक हेडक्वार्टर में ग्लोबल क्लाइंट पार्टनर एंड इमर्जिंग मार्केट्स लीड हैं।

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