भिखारियों से मुक्त शहर बनने की ओर काशी
वाराणसी के लंका क्षेत्र में स्टाल पर खाते वक्त अक्सर लोगों का भिखारियों से सामना हो जाता है. यह भिखारी जबरदस्ती लोगों से पैसा मांगते हैं या तो खाना खिलाने को कहते हैं. बात ना मानने पर अपशब्द बोल कर चले जाते है. अक्सर इसमें बच्चों की संख्या अधिक होती है. ऐसे ही शहर के सभी प्रमुख इलाकों में भीख मांगते हुए दिख जाते है. जैसे- कैंट स्टेशन, सिगरा नगरनिगम पार्क, गंगा के घाटों पर, रविन्द्रपुरी रोड आदि.
इसी को रोकने के लिये बेगर्स कॉरपोरेशन ने लोगों से अपील की है कि भीख देने की बजाए भिखारियों को संस्था तक ले आएं। संस्था की ओर से लाने वाले लोगों के लिए एक हजार पुरस्कार की घोषणा की गई है. इसके साथ ही कॉरपोरेशन ने सरकार और प्रशासन से सर्वेक्षण करा असली भिखारियों की पहचान करने और उन्हें पहचान पत्र जारी करने का अनुरोध किया है.
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6 हजार भिखारियों की शहर में मौजूदगी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र बनारस अगले तीन वर्षों में देश का पहला भिक्षा मुक्त शहर बनने की ओर अग्रसर है. इसकी पहल वाराणसी स्थित स्टार्ट अप बेगर्स कॉरपोरेशन यानी भिखारी निगम (बीसी) ने की है. कॉरपोरेशन ने भिखारियों को भीख मांगने के शर्मनाक कार्य से छुटकारा दिलाने का जिम्मा उठाया है. भिखारियों को रोजगार से जोड़ने के लिए प्रशिक्षण के साथ सेंटर खोले हैं. भिखारियों को काम पर लाने वाले नागरिकों को कॉरपोरेशन नकद पुरस्कार देगा.
बेगर्स कॉरपोरेशन संस्थापक चंद्र मिश्रा ने बताया कि सर्वेक्षण के अनुसार, बनारस में करीब छह हजार भिखारी हैं. इनमें 1400 बच्चे भी शामिल हैं. परिवार या बच्चों के साथ रहने वाले 18 से 40 वर्ष तक के शारीरिक रूप से सक्षम भिखारियों को तीन महीने का प्रशिक्षण देकर कॉटन के बैग आदि बनाने के साथ अपनी पूजा-सामग्री और फूल की दुकानें शुरू कराने का अभियान नए साल में शुरू होगा.
अप्रैल 2024 में 50 भिखारी परिवारों से शुरुआत करके मार्च 2027 तक छह चरणों में एक हजार भिखारी परिवारों को रोजगार से जोड़ने का प्लाान है. कॉरपोरशन ने वर्तमान में 17 परिवारों को भीख के जाल से बाहर निकाला है, जो विभिन्न व्यवसायों में लग सम्मान भरी जीवन जी रहे हैं इनमें कुछ ने उद्यमिता प्रशिक्षण के दौरान प्रति माह 12 हजार रुपए तक कमाई की है.
संस्था में लाने वालों को किया जाएगा पुरस्कृत
भिखारियों के साथ उनको लाने वाले लोगों को भी बेगर्स कॉरपोरेशन की ओर से पैसे बांटे जाएंगे.बेगर्स कॉरपोरेशन ने लोगों को भीख देने की बजाए भिखारियों को संस्था तक लाने की अपील की है. इसके लिये लोगों को एक हजार रुपये पुरस्कार की घोषणा की गई है. इसके साथ ही कॉरपोरेशन ने सरकार और प्रशासन से सर्वेक्षण करा कर असली भिखारियों की पहचान करने और उन्हें पहचान पत्र जारी करने का अनुरोध किया है.