कानपुर कमिश्नर राजशेखर की पहचान अन्य अधिकारियों से अलग है। राजशेखर कभी बिजली विभाग दफ्तर के काउंटरों पर आम आदमी की तरह बिल जमा करते दिखते हैं तो कभी फिर विभागों में निरीक्षण करने के कारण भी चर्चा में रहते हैं।
गुरुवार को कमिश्नर राजशेखर ने आम आदमी की तरह सिटी बस से सफर किया। इस दौरान उन्होंने सिटी बसों की हालत जानी। इसके साथ ही कमिश्नर ने जाना कि सिटी बसों में कोविड प्रोटोकॉल का कितना पालन हो रहा है।
उन्होंने 6 किलोमीटर तक दो बार अपना स्थान बदला ताकि बस में दोनों आमने-सामने खिड़कियों के माध्यम से शहर के वास्तविकता जान सकें। कश्मिनर ने पाया कि सिटी बसों में कोविड प्रोटोकॉल की जमकर धज्जियां उड़ाईं जा रही हैं। साथ ही उन्होंने पाया कि बस चालक और कंडक्टर बिना मास्क के थे।
कमिश्नर ने किया ‘ग्राउंड रियलिटी चेक’-
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इसके साथ ही आधे से ज्यादा यात्रियों ने भी मास्क नहीं लगाया था। वहीं, कमिश्नर ने देखा कि एक यात्री से बस कंडक्टर ने रुपये भी लिए और उसे टिकट भी नहीं दिया। कमिश्नर राजशेखर ने पाया कि बस चालकों और कंडक्टरों ने यूनीफार्म नहीं पहनी थी। वहीं, बस में प्राथमिक उपचार के लिए बॉक्स भी नहीं था।
कमिश्नर ने 13 कंडक्टर और 14 ड्राइवरों को निलंबित कर दिया। इस घटना से विभाग में हड़कंप मच गया है। कमिश्नर राजशेखर ने प्रवर्तन दल के सभी सदस्यों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने के आदेश दिए हैं। एआरएम (सिटी बस सेवाएं) को कारण बताओ नोटिस जारी करने को कहा है। सिटी बसों के बेहतर संचालन के लिए 09 सितंबर को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई है।
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