Happy bday : करोड़ों बेटियों की प्रेरणा थी ‘कल्पना चावला’
अंतरिक्ष में जाने वाली पहली भारतीय महिला और देश की करोड़ों बेटियों की प्रेरणा कल्पना चावला का आज जन्मदिन है। कल्पना ने न सिर्फ अंतरिक्ष की दुनिया में उपलब्धियां हासिल कीं, बल्कि तमाम छात्र-छात्राओं को सपनों को जीना सिखाया।
मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं
उड़नपरी ने 41 साल की उम्र में अपनी पहली अंतरिक्ष यात्रा की जो आखिरी साबित हुई। उनके वे शब्द सत्य हो गए जिसमें उन्होंने कहा था कि मैं अंतरिक्ष के लिए ही बनी हूं। हर पल अंतरिक्ष के लिए ही बिताया है और इसी के लिए मरूंगी।
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उनका जन्म वैसे तो 17 मार्च, 1962 को हुआ था लेकिन ऑफिशल जन्म तिथि 1 जुलाई, 1961 दर्ज करवाई गई थी ताकि उनके दाखिले में आसानी हो।करनाल में बनारसी लाल चावला और मां संजयोती के घर 17 मार्च 1962 को जन्मीं कल्पना अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटी थीं। घर में सब उन्हें प्यार से मोंटू कहते थे।शुरुआती पढ़ाई करनाल के टैगोर बाल निकेतन में हुई।
कल्पना की दिलचस्पी अंतरिक्ष और खगोलीय परिवर्तन में थी
जब वह आठवीं क्लास में पहुंचीं तो उन्होंने अपने पिता से इंजिनियर बनने की इच्छा जाहिर की। पिता उन्हें डॉक्टर या टीचर बनाना चाहते थे। परिजनों का कहना है कि बचपन से ही कल्पना की दिलचस्पी अंतरिक्ष और खगोलीय परिवर्तन में थी। वह अकसर अपने पिता से पूछा करती थीं कि ये अंतरिक्षयान आकाश में कैसे उड़ते हैं? क्या मैं भी उड़ सकती हूं? पिता बनारसी लाल उनकी इस बात को हंसकर टाल दिया करते थे।
NBT
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