लोगों में कभी खत्म नहीं होगा ट्रैवलिंग शो का जुनून
अभिनेता कुणाल कपूर का मानना है कि ट्रैवलिंग शोज का क्रेज कभी खत्म नहीं वाला है, क्योंकि इस तरह के शोज दर्शकों को एक साथ कई तरह के अनुभव कराते हैं। कुणाल अपने करियर के पहले ट्रैवलिंग शो में नजर आने वाले हैं और यह ट्रैवलिंग शो दर्शकों को हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों से रू-ब-रू कराएगा।
ट्रैवलिंग शो ‘ग्रेट एस्केप विद कुणाल एंड साइरस’ का सफर हिमालय के दुर्गम क्षेत्रों से शुरू होगा, जो कई पड़ावों को पार करता हुआ ‘हिक्किम’ भी पहुंचेगा। ‘हिक्किम’ जो सर्वाधिक ऊंचाई पर मौजूद डाक घर है, यह समुद्रतल से 15,500 फुट की ऊंचाई पर है और यह अपनी एक अलग कहानी बयां करता है।
शो के प्रचार के सिलसिले में नई दिल्ली पहुंचे कुणाल ने कहा, “यह सिर्फ शो नहीं है, बल्कि मेरी जिंदगी के सबसे बेहतरीन आठ दिन रहे, जिस दौरान मैंने बहुत कुछ सीखा।”
कुणाल के इस शो से जुड़ने का वाकया भी बहुत दिलचस्प है। वह कहते हैं, “एक दिन मेरे पास फॉक्स लाइफ चैनल से फोन आया और उन्होंने मुझे यह शो करने का ऑफर दिया। चूंकि मुझे शो का फॉर्मेट काफी पसंद आया, लेकिन मैंने उनके सामने एक शर्त रखी कि अगर इस शो में मेरा दोस्त साइरस साहूकार काम करने की हामी भर दे तो मुझे शो करने में कोई दिक्कत नहीं है। साइरस की हां के बाद मैं इस शो से जुड़ गया।”
साइरस से दोस्ती के बारे में पूछने पर कुणाल कहते हैं, “मैं साइरस को पिछले 20-22 वर्षो से जानता हूं। हम दोनों काफी समय से एक साथ किसी ट्रिप पर जाने की प्लानिंग कर रहे थे, जो इस शो के जरिए पूरी हुई।”
शो के दौरान के अनुभवों के बारे में वह कहते हैं, “इस शो से हुआ अनुभव और यादें ताउम्र याद रहने वाली हैं। फिर चाहे वह पैराग्लाइडिंग, क्लिफ जंपिंग हो या साइरस के साथ गाड़ी से किया गया सफर। हमें इस शो के दौरान ऐसे भी लोग मिले, जो शहरों में रहते थे लेकिन अब शहरी जिंदगी छोड़कर पहाड़ों पर बस गए हैं। वहां के स्थानीय लोगों में एक अजीब-सा आकर्षण था, जो खुशी देता था।”
इस तरह के एडवेंचर्स ट्रैवलिंग शो में तमाम तरह की चुनौतियां होती हैं। इस दौरान उन्हें किसी तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ा? उन्होंने कहा, “हम हिमालय के जिन क्षेत्रों से गुजरे, वहां आधी सड़कें टूटी हुई थीं, कई जगह सड़क ही नहीं है, सिर्फ पत्थर हैं, लेकिन इस शो की खूबसूरती ने इन चुनौतियों को महसूस ही नहीं होने दिया।”
टीवी शो के खत्म होते चार्म के बारे में वह कहते हैं, “मुझे नहीं लगता कि टीवी शो, विशेष रूप से ट्रैवलिंग शो का चार्म कभी खत्म होगा। क्योंकि इस तरह के शो लोग यह देखने के लिए भी देखते हैं कि आखिर इस शो को प्रेजेंट कौन कर रहा है, उनके आपस की ट्यूनिंग कैसी है और यही चीज दर्शकों को शो से जोड़ती है।”
Also read : प्रेम-विवाह करने की मिली सजा, 7 साल समाज से बाहर अब इच्छा-मृत्यु की मांग
वह आगे कहते हैं, “फॉक्सलाइफ जैसे चैनल अलग तरह के एक्सपेरिमेंट कर रहे हैं। लोगों के टेस्ट को ध्यान में रखते हुए शो बना रहे हैं, जिन्हें देखने में मजा आता है।”
यह शो ‘ग्रेट एस्केप’ का दूसरा सीजन है। पहले सीजन में कल्कि कोचलिन और उनके पिता ने शो की मेजबानी की थी और वे मोटरसाइकिल से हिमालय के भ्रमण पर निकल गए थे। दूसरा सीजन पहले सीजन से कितना अलग है? कुणाल कहते हैं, “पहले सीजन से यह काफी अलग है।
पहले सीजन में एक बाप-बेटी के रिश्ते के जरिए यह शो आगे बढ़ा था, लेकिन इस बार दो दोस्त एक साथ आए हैं। कल्कि अपने पिता के साथ मोटरसाइकिल पर थीं, जबकि हम गाड़ी में हैं, जिसमें ज्यादा फन है, क्योंकि मोटरसाइकिल पर दो लोगों के बीच संवाद कम हो पाता है।”
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक पर ज्वॉइन करें। आप हमें ट्विटर पर भी फॉलो कर सकते हैं।)