पत्रकार ने अपने तीन मंजिला घर को हाइड्रोपोनिक फार्म में बदला, लाखों में होती है कमाई

बरेली के एक पत्रकार को हरियाली का ऐसा जुनून चढ़ा की अपने तीन मंजिला घर पर सब्जियों का अंबार लगा दिया। अपने मकान को ग्रीन हाउस में बदल दिया।

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बरेली के एक पत्रकार को हरियाली का ऐसा जुनून चढ़ा की अपने तीन मंजिला घर पर सब्जियों का अंबार लगा दिया। अपने मकान को ग्रीन हाउस में बदल दिया। बरेली के रामवीर सिंह ने हरियाली के शौक के साथ सब्जी बेचकर कमाई तो की ही, अब छोटे शहरों में हाइड्रोपोनिक जैसी आधुनिक तकनीक से घरों में खेती करने का निःशुल्क प्रशिक्षण भी किसानों को दे रहे हैं।

एक घटना ने दिखाई राह:

उत्तर प्रदेश के बरेली के रहने वाले रामवीर सिंह के दोस्त के चाचा का कैंसर से 2016 में निधन हो गया। वह कोई नशा नहीं करते थे। बाद में डाक्टरों ने बताया कि सब्जियों और घरों में आने वाले अन्य खाने की चीजों में इस्तेमाल किए जाने वाले कीटनाशकों की वजह से कैंसर बीमारी हुई। इस घटना के बाद से रामवीर ने ठान लिया कि वह अब ऑर्गेनिक खेती ही करेंगे।

ऐसे लगा हाइड्रोपोनिक खेती का चस्का:

2017-18 में, रामवीर ने एक कृषि कार्यक्रम के लिए दुबई की यात्रा की और हाइड्रोपोनिक्स (मिट्टी के बिना, पानी से खेती) खेती को देखा। कोलकाता, मुंबई के कुछ लोगों से जानकारी ली। इंटरनेट का भी सहारा लिया। इसी के जरिए रामवीर ने हाइड्रोपोनिक्स खेती के लिए अपने घर पर सिस्टम लगा लिया।

होती है लाखों रुपये की कमाई:

रामवीर सभी मौसमी सब्जियों की खेती करते हैं। उनका खेत 750 वर्ग मीटर में 10,000 से अधिक पौधों से भरा हुआ है। जिससे उन्हें लाखों रुपये की कमाई होती है। रामवीर छोटे किसानों को हाइड्रोपोनिक्स खेती का निःशुल्क प्रशिक्षण भी देते हैं।

हाइड्रोपोनिक्स विधि:

सिर्फ पानी में या बालू या कंकड़ों के बीच नियंत्रित जलवायु में बिना मिट्टी के पौधे उगाने की तकनीक को हाइड्रोपोनिक कहते हैं। हाइड्रोपोनिक खेती के लिए सौ पौधे का पाइप, स्टैंड आदि करीब 12 हजार रुपये में लग जाता है।

 

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